एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ घनघोरिया ने जटिल ऑपरेशन कर बचाई मरीज की जान Aajtak24 News

4 घंटे चले ऑपरेशन के बाद अब मरीज हुआ स्वस्थ

इंदौर - एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अरविंद घनघोरिया के त्वरित निर्णय के कारण थायराइड ग्रंथि में गठान से परेशान 45 वर्षीय व्यक्ति की जान बच गई। यह पेशेंट डॉ. घंनघोरिया की ओपीडी में आया। पेशेंट ने डॉक्टर घनघोरिया को खाना निगलने में दिक्कत, सीने में दर्द सहित अन्य कई प्रकार की परेशानियां बताइए। डॉ घनघोरिया ने लक्षणों की पहचान कर तुरंत पेशेंट के गले में थायराइड की जांच करवाई तो सामने आया कि उसके बाएं तरफ गले में गठान हो चुकी है जिसे त्वरित ऑपरेशन कर निकालने का निर्णय लिया गया।

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अरविंद घनघोरिया ने बताया कि यदि त्वरित ऑपरेशन नहीं किया जाता तो मरीज की जान भी जा सकती थी। इसलिए बिना समय गवाएं मरीज को वार्ड  में भर्ती  कर जरुरी जांचों के बाद कुशलतापूर्वक जटिल आपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती यह रही कि थायरॉइड ग्रंथि के पास ही स्वर रज्जु स्थित होती हैं, जो आवाज के लिए महत्वपूर्ण हैं। पैराथायरायड ग्रंथियों को बचाते हुए जो पैराथायरायड ग्रंथियां शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करती हैं। रक्तस्राव को बचाते हुए, क्योंकि थायरॉइड ग्रंथि में रक्त की आपूर्ति बहुत अधिक होती है उस हिस्से को प्रभावित  न करते पूरे थायराईड का रिमुवल करते हुए मरीज की जान बचा ली। 

अत्यधिक ब्लीडिंग का भी खतरा रहा

डीन डा घनघोरिया ने बताया कि चार घंटे चला आपरेशन अत्यधिक चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि थायरॉइड ग्रंथि के पास स्वर रज्जु चिपकी हुई रहती है, जिससे आवाज जाने का खतरा कई गुना बढ़ गया। साथ ही रक्तस्राव भी होने का बहुत खतरा था, लेकिन ऑपरेशन के बाद अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। डा मनीष गोयल के रिहेबिटेन्ट  प्रक्रिया से बहुत जल्दी बोलने भी लगेगा। साथ ही पूरे मध्य भारत में केवल एमवाय ही एक मात्र ऐसा सरकारी अस्पताल है, जिसमें यह होता है। बाहर यह बहुत महंगा आपरेशन है, लेकिन एमवाय अस्पताल में यह बहुत ही कम खर्चों पर आसानी से हो जाता है।



Post a Comment

Previous Post Next Post