मध्य प्रदेश में मानसूनी आफत: 16 जिलों में बाढ़ का खतरा, कई जगह अत्यधिक बारिश का रेड अलर्ट Aajtak24 News


मध्य प्रदेश में मानसूनी आफत: 16 जिलों में बाढ़ का खतरा, कई जगह अत्यधिक बारिश का रेड अलर्ट Aajtak24 News 

भोपाल/मध्य प्रदेश - दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने पूरे मध्य प्रदेश में अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के अधिकांश हिस्सों में भीषण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने नदी-नालों को खतरे के निशान से ऊपर ला दिया है, कई जगह पर बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है और निचले इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों को अलर्ट पर रखा गया है। इस मानसून में अब तक औसत से 74 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे राज्य भर में अभूतपूर्व जलभराव और तबाही देखने को मिल रही है।

पूर्वी मध्य प्रदेश में हाहाकार: छतरपुर और टीकमगढ़ सर्वाधिक प्रभावित

पिछले 24 घंटों में, पूर्वी मध्य प्रदेश के ज़िलों में रिकॉर्ड-तोड़ बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। छतरपुर ज़िले में 310 मिमी (लगभग 12 इंच) बारिश दर्ज की गई, जो इस क्षेत्र के लिए एक असामान्य आंकड़ा है। इसके अलावा, गौरीहार (छतरपुर) में 270 मिमी, पलेरा (टीकमगढ़) में 235 मिमी, लवकुशनगर (छतरपुर) में 190 मिमी, भानपुरा (मंदसौर) में 183.8 मिमी और राजनगर (छतरपुर) में 180 मिमी बारिश हुई। खजुराहो और नौगांव जैसे पर्यटन स्थलों पर भी क्रमशः 6 इंच और 5.5 इंच बारिश दर्ज की गई है। इन क्षेत्रों में कई गाँव पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं, जिससे हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही है।

नदियों में उफान और जान का जोखिम

लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य भर की नदियाँ और नाले उफान पर हैं, जिससे कई छोटे पुल (रपटे) पानी में डूब गए हैं और आवाजाही बेहद खतरनाक हो गई है। मुरैना ज़िले में, एक दर्जन से अधिक रपटों पर पानी बह रहा है। विशेष रूप से, आसन नदी के घुरिया बसई गाँव के पास बने रपटे पर तीन फीट से अधिक पानी होने के बावजूद, ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर इसे पार करने को मजबूर हैं। बीते दिनों सबलगढ़ नाले में एक व्यक्ति के बह जाने की दर्दनाक घटना ने इस लापरवाही के गंभीर परिणामों को उजागर किया है। एसडीआरएफ की टीमें लापता व्यक्ति की तलाश में लगातार जुटी हुई हैं, लेकिन बढ़ते जलस्तर के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है।

आज के लिए अलर्ट: रेड और ऑरेंज चेतावनी जारी

मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के कई ज़िलों के लिए आज (शनिवार) भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ग्वालियर, दतिया, भिंड और मुरैना में वज्रपात के साथ अत्यधिक भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है, जो बेहद गंभीर स्थिति का संकेत है। इसके अलावा, राजगढ़, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में बिजली गिरने के साथ अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है। विदिशा, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, सागर, सतना, कटनी, पन्ना, दमोह और मैहर जैसे ज़िलों में भी भारी बारिश की संभावना है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। भोपाल, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट और पांढुर्णा जैसे जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है।

16 जिलों में बाढ़ का खतरा, जनजीवन पर असर

वर्तमान में, प्रदेश के 16 जिलों में बाढ़ का गंभीर खतरा बना हुआ है। इनमें अशोकनगर, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, नीमच और मंदसौर शामिल हैं, जहाँ अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की गई है। लगातार बारिश के चलते नदी, नालों और तालाबों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, और कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शिवपुरी ज़िले में मड़ीखेड़ा अटल सागर डैम के पास पहाड़ धंसने के कारण मलबा और पेड़ सड़क पर आ गिरे, जिससे हाईवे पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। स्कूलों में भी छुट्टियाँ घोषित की जा रही हैं; शिवपुरी ज़िले में आज, 19 जुलाई को, नर्सरी से 12वीं तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में इन प्रभावित ज़िलों में साढ़े चार इंच तक पानी बरसने की संभावना है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन द्वारा लगातार स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य जारी हैं। लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है।

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