कोविड का नया JN.1 वैरिएंट: संक्रामक पर कम गंभीर, बूस्टर डोज नहीं लेने वालों में खतरा ज़्यादा jyada Aajtak24 News


कोविड का नया JN.1 वैरिएंट: संक्रामक पर कम गंभीर, बूस्टर डोज नहीं लेने वालों में खतरा ज़्यादा jyada Aajtak24 News 

नई दिल्ली - कोविड-19 का JN.1 वैरिएंट, जो कि ओमिक्रॉन का ही एक नया उप-संस्करण है, अब धीरे-धीरे एशियाई देशों में अपनी दस्तक दे रहा है। सिंगापुर, हांगकांग, भारत और थाईलैंड जैसे देशों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, भारत में अभी तक स्थिति गंभीर नहीं हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने एहतियात बरतने की सख्त सलाह दी है। यह नया वैरिएंट मुख्य रूप से उन लोगों के बीच फैल रहा है जिनकी प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) समय के साथ कमज़ोर पड़ गई है, खासकर जिन्होंने लंबे समय से अपनी बूस्टर डोज नहीं ली है। यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है जो यह मान चुके हैं कि कोविड का खतरा पूरी तरह टल गया है।

JN.1 वैरिएंट को समझना: 'पिरोला' का नया रूप और उसकी 'छलने' की क्षमता

JN.1 वैरिएंट, ओमिक्रॉन के BA.2.86 (जिसे 'पिरोला' भी कहा जाता है) का एक विकसित रूप है। इसमें लगभग 30 नए म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) हुए हैं। इनमें से एक अतिरिक्त म्यूटेशन इसे मानव शरीर के इम्यून सिस्टम को 'छलने' और उससे बचने में मदद कर सकता है। इसकी इसी क्षमता के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दिसंबर 2023 में इसे "Variant of Interest" (चिंता का विषय) घोषित किया था, जो इसके प्रसार और संभावित प्रभाव की निगरानी की आवश्यकता को दर्शाता है।

खतरा कितना? संक्रामक पर कम गंभीर: मुख्य रूप से प्रतिरक्षा में कमी ही है कारण

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 वैरिएंट की सबसे बड़ी पहचान यह है कि यह ज्यादा संक्रामक है, यानी यह तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि इसकी गंभीरता अभी तक कम मानी जा रही है। अधिकांश संक्रमित व्यक्तियों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। डॉक्टरों का स्पष्ट कहना है कि यह वैरिएंट मुख्य रूप से उन लोगों में फैल रहा है जिनकी प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) में समय के साथ गिरावट आई है। यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है जिन्होंने अपनी बूस्टर डोज लंबे समय से नहीं ली है, क्योंकि उनका शरीर वायरस से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं होता। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग, बुजुर्ग या पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति इस वैरिएंट से अधिक प्रभावित हो सकते हैं और उनमें लक्षण ज़्यादा महसूस हो सकते हैं।

JN.1 के लक्षण: सामान्य सर्दी-खांसी जैसे, लेकिन सावधानी जरूरी

JN.1 वैरिएंट के लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे ही हैं, जिससे कई बार लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • गला खराब या खराश
  • नाक बहना या बंद होना
  • सूखी खांसी
  • बुखार और ठंड लगना
  • सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान
  • मतली या डायरिया (दस्त)
  • स्वाद या गंध का अभाव (यह अब कम मामलों में देखा गया है)

यह महत्वपूर्ण है कि यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत खुद को आइसोलेट करें और चिकित्सकीय सलाह लें।

वैक्सीन की भूमिका: बूस्टर डोज अभी भी 'संजीवनी' समान

अच्छी खबर यह है कि डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि मौजूदा कोविड वैक्सीन और विशेष रूप से बूस्टर डोज JN.1 वैरिएंट से बचाव में अभी भी अत्यधिक प्रभावी हैं। ये गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को काफी हद तक कम करते हैं। JN.1 के लिए कोई अलग से विशेष वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन वर्तमान में उपलब्ध बूस्टर डोज, विशेषकर जिन्हें गंभीर बीमारी का खतरा है, उनके लिए सुरक्षा कवच का काम करती हैं। इसलिए, जिन्होंने अपनी बूस्टर डोज नहीं ली है, उन्हें इसे जल्द से जल्द लगवाने की सलाह दी जा रही है।

भारत में चिंता का स्तर और आगे की राह: कोविड अभी पूरी तरह गया नहीं!

भारत में JN.1 वैरिएंट के मामले अभी बहुत कम हैं और अधिकांश संक्रमितों में संक्रमण का स्तर मामूली है। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल भारत में इस वैरिएंट को लेकर बड़ी चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह स्थिति इस बात की चेतावनी जरूर है कि कोविड-19 पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। यह अब एक एंडेमिक (स्थायी) रूप में हमारे साथ मौजूद है। भविष्य में किसी भी नई लहर या महामारी जैसी स्थिति से बचने के लिए, विशेषज्ञों ने जीनोमिक निगरानी (वायरस के बदलते स्वरूपों पर नज़र रखना), अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समय पर मामलों की रिपोर्टिंग को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। क्या आप अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से बूस्टर डोज ले रहे हैं और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं?

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