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असम में 'बीफ' विवाद ने सुलगाई आग: धुबरी में CM सरमा बोले- 'नुकसान पहुंचाने वालों को सीधे गोली मारो maro Aajtak24 News |
धुबरी - असम के धुबरी जिले में ईद के आसपास शुरू हुआ सांप्रदायिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक मंदिर के पास मांस फेंकने की घटना के बाद यहाँ तनाव गहरा गया है, जिसके चलते पुलिस को असामाजिक तत्वों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 'देखते ही गोली मारने' के सख्त आदेश जारी किए हैं।
मंदिर के पास 'बीफ' मिलने के बाद भड़की हिंसा
विवाद की शुरुआत रविवार, 9 जून, 2025 को तब हुई जब धुबरी में एक मंदिर के पास मांस, जिसे 'बीफ' बताया जा रहा है, फेंका हुआ मिला। इस घटना से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया और इलाके में तनाव का माहौल बन गया। धुबरी की मजिस्ट्रेट कॉलोनी और न्यू मार्केट के पास असामाजिक तत्वों ने सब्जी विक्रेताओं और ई-रिक्शा चालकों पर हमला कर दिया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और बड़ी मुश्किल से हालात पर काबू पाया। शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
सीएम सरमा का कड़ा रुख: 'मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है'
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स (पहले ट्विटर) पर इस घटना पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने लिखा है कि "धुबरी में एक विशेष वर्ग हमारे मंदिरों को क्षति पहुँचाने की नीयत से सक्रिय हो चुका है। इसके बाद हमने देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए हैं।"
सीएम ने पहले भी इस मामले पर बयान दिया था। रविवार को उन्होंने कहा था कि ईद पर्व के एक दिन बाद असम के कई स्थानों पर अवैध रूप से मवेशियों का वध किया गया और उनके मांस के टुकड़े कई जगहों पर फेंके गए, जिससे राज्य में तनाव की स्थिति बनी। हालांकि, उन्होंने किसी समुदाय का सीधा नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने और नुकसान पहुँचाने की कोशिश हो रही है।
शांति समितियों के बावजूद तनाव बरकरार
घटना के बाद पुलिस ने स्थिति को सामान्य करने के लिए हिंदू-मुस्लिम सहित सभी धर्मों के लोगों को शामिल कर शांति कमेटियाँ बनाई थीं। गुवाहाटी से कानून-व्यवस्था के महानिरीक्षक अखिलेश कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी स्थिति का जायजा लिया था। तब यह माना गया था कि हालात पूरी तरह सामान्य हैं, लेकिन ताजा झड़पों से पता चलता है कि धुबरी में तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है।
असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में यह सांप्रदायिक विवाद राजनीतिक रूप से भी तूल पकड़ रहा है। प्रशासन अब सख्त कार्रवाई के मूड में है ताकि राज्य में शांति व्यवस्था कायम रखी जा सके।