रायपुर में अंधविश्वास का नंगा नाच: होलिका दहन की रात जादू-टोने के शक में तीन को नग्न कर पीटा, 21 पर FIR दर्ज darj Aajtak24 News

 

रायपुर में अंधविश्वास का नंगा नाच: होलिका दहन की रात जादू-टोने के शक में तीन को नग्न कर पीटा, 21 पर FIR दर्ज darj Aajtak24 News

रायपुर - छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होलिका दहन की रात एक ऐसी अमानवीय घटना सामने आई जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। जादू-टोने के अंधविश्वास में डूबे कुछ लोगों ने तीन व्यक्तियों को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा, उन्हें अर्धनग्न कर गाँव में घुमाया और अकल्पनीय यातनाएं दीं। यह खौफनाक मामला अब सुर्ख़ियों में है क्योंकि पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर 21 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।

होली की रात, श्मशान में दिखा 'शक' और शुरू हुआ 'हैवानियत' का सिलसिला

यह वीभत्स घटना 13 मार्च, 2025 की रात की है, जब पूरा गाँव होली के उल्लास और होलिका दहन की तैयारियों में डूबा था। इसी दौरान, गाँव के कुछ लोगों ने तिलक साहू, नरेश साहू और अमर सिंह साहू को गाँव के श्मशान घाट के पास देख लिया। अंधविश्वास में डूबे इन लोगों ने तुरंत ही तीनों पर काला जादू करने का आरोप लगा दिया। इस 'शक' के बाद जो कुछ हुआ, वह मानवता को शर्मसार कर देने वाला था।

शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने तीनों पीड़ितों को तत्काल बंधक बना लिया। इसके बाद उनकी ज़िंदगी को नरक बनाने का अमानवीय सिलसिला शुरू हुआ। पीड़ितों को न सिर्फ शारीरिक यातनाएं दी गईं, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया।

रूह कंपा देने वाली यातनाएँ: चप्पलों की माला, मिर्च पाउडर और अर्धनग्न जुलूस

सामने आई जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने पहले पीड़ितों के कीमती सामान लूट लिए। इसके बाद, उनकी गर्दन में चप्पलों की माला पहनाई गई और चेहरों पर काला रंग पोता गया। इतनी बर्बरता से भी उनका मन नहीं भरा। उन्हें अर्धनग्न हालत में पूरे गाँव में घुमाया गया, जो कि किसी भी सभ्य समाज में अस्वीकार्य है।

यादवों की क्रूरता की हद तो तब पार हो गई जब उन्होंने पीड़ितों के ज़ख्मों पर मिर्च पाउडर रगड़ा। यह अमानवीय कृत्य यहीं नहीं रुका। बताया गया है कि जब पीड़ित दर्द से कराहते हुए बेहोश हो गए, तब भी उनकी यातनाएं जारी रखी गईं। यह क्रूरता देखकर किसी का भी दिल दहल जाए।

मार्च की घटना, जून में FIR: कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई

यह चौंकाने वाली बात है कि यह घटना मार्च में हुई थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में FIR 9 जून को दर्ज की। पीड़ितों को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ा और अंततः उन्हें रायपुर की स्थानीय अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा। न्यायालय ने पीड़ितों की आपबीती सुनने के बाद पुलिस को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

न्यायालय के आदेश के बाद, बहादुरपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत कुल 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह दर्शाता है कि पीड़ितों को न्याय पाने के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ी।

पुलिस जांच जारी: अंधविश्वास की जड़ें खोदने का दावा

रायपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. लाल उमेद सिंह ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया, "श्मशान में काला जादू करने के शक में कुछ लोगों ने पीड़ितों को पकड़कर मारपीट की। यह मामला कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया है।" एसपी ने यह भी पुष्टि की कि 21 आरोपियों के नाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अब जादू-टोने के दावों की सत्यता की भी जांच कर रही है और इस पूरे मामले की गहराई से पड़ताल की जा रही है।

इस घटना ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में सामाजिक अंधविश्वास और उसकी आड़ में होने वाली हिंसा के गंभीर मुद्दे को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि प्रशासन ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई करे ताकि समाज से इस तरह के कुरीतियों का समूल नाश हो सके। पुलिस की जांच से इस खौफनाक घटना के पीछे की पूरी सच्चाई जल्द सामने आने की उम्मीद है।

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