असम के धुबरी में बढ़ा सांप्रदायिक तनाव: मंदिर के पास मवेशियों के कटे सिर मिलने पर CM सरमा सख्त, रात में 'देखते ही गोली मारने' के आदेश aadesh Aajtak24 News


असम के धुबरी में बढ़ा सांप्रदायिक तनाव: मंदिर के पास मवेशियों के कटे सिर मिलने पर CM सरमा सख्त, रात में 'देखते ही गोली मारने' के आदेश aadesh Aajtak24 News

धुबरी - असम के धुबरी शहर में एक मंदिर के पास लगातार मवेशियों के कटे सिर मिलने की घटनाओं के बाद उत्पन्न गंभीर सांप्रदायिक तनाव पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को घोषणा की कि रात के समय ऐसी किसी भी घटना में शामिल उपद्रवियों पर देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने दोहराया कि राज्य में धार्मिक स्थलों के अपमान पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति रहेगी। यह गंभीर घटनाक्रम ईद-उल-अजहा (बकरीद) के ठीक बाद सामने आया। पहली घटना 7 जून को धुबरी के हनुमान मंदिर के पास घटी, जब एक गाय का कटा हुआ सिर मिला। अगले ही दिन, यानी 8 जून को, मंदिर परिसर के पास फिर से इसी तरह की एक और घटना सामने आई, जिससे पूरे शहर में तनाव का माहौल गहरा गया। इन घटनाओं के साथ ही रात के समय पथराव की खबरें भी मिलीं, जिसने स्थिति को और विस्फोटक बना दिया।

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश: 'कोई पत्थर फेंके तो गोली मारो'

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा, "जो भी मंदिरों और पवित्र स्थलों को अपवित्र करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ हमारी सरकार अत्यंत सख्त कार्रवाई करेगी।" उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर कोई पत्थर फेंकता है और पुलिस को उसके इरादों पर शक होता है, तो उसे गोली मारने के आदेश हैं।" मुख्यमंत्री ने धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त न करने का संकल्प दोहराया।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद, 'बीफ माफिया' पर आरोप

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, धुबरी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तेज कार्रवाई बल (RAF) और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की भारी टुकड़ियों को तैनात किया गया है। प्रशासन ने पहले लागू की गई धारा 144 को अस्थायी रूप से हटा दिया था, लेकिन ताजा हालात और मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से चाक-चौबंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सरमा ने इन घटनाओं के पीछे एक 'बीफ माफिया' के सक्रिय होने का दावा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह माफिया पश्चिम बंगाल से हजारों की संख्या में गायों को धुबरी लाया था, ताकि बकरीद के मौके पर उनका वध कर सके। सरमा ने इसे एक नये आपराधिक नेटवर्क की साजिश करार दिया और इस पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।

'नवीन बंगला' संगठन और राज्य की अखंडता पर खतरा

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने एक संगठन 'नवीन बंगला' द्वारा लगाए गए पोस्टरों का भी जिक्र किया, जिनमें धुबरी को बांग्लादेश से जोड़ने की बात कही गई थी। मुख्यमंत्री सरमा ने इन पोस्टरों को राज्य की अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने की एक सोची-समझी कोशिश बताया।

मुख्यमंत्री की सीधी चेतावनी

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अंत में स्पष्ट संदेश दिया कि यदि भविष्य में भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो वे स्वयं धुबरी आकर ईद जैसे पर्वों पर सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “हम किसी भी समुदाय को राज्य में अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं देंगे। धुबरी हमारे हाथ से नहीं जा सकता। कानून अपना काम करेगा और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।" यह बयान असम सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है कि वह राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।

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