ग्राम प्रधान के खिलाफ ग्रामीणों का फूटा गुस्सा: चकरोड भ्रष्टाचार पर हिंसा, शौचालय बदहाल badhal Aajtak24 News

 

ग्राम प्रधान के खिलाफ ग्रामीणों का फूटा गुस्सा: चकरोड भ्रष्टाचार पर हिंसा, शौचालय बदहाल badhal Aajtak24 News

गाजीपुर/उत्तर प्रदेश - जिले के दुल्लहपुर थाना क्षेत्र की जमसड़ा ग्रामसभा में विकास कार्यों में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितता को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा अब हिंसक झड़प में बदल गया है। ग्राम प्रधान के पति सिहागढ़ यादव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। चकरोड निर्माण में लाखों के गोलमाल का खुलासा आरटीआई (सूचना का अधिकार) से हुआ, जिसके बाद जब ग्रामीणों ने काम रोकने की कोशिश की तो बात हाथापाई तक पहुँच गई, जिसमें एक ग्रामीण घायल हो गया।

चकरोड निर्माण में 'कागजी' खेल: लाखों का गबन उजागर

ग्रामीणों द्वारा 'मेरी पंचायत' ऐप और आरटीआई के माध्यम से जुटाए गए दस्तावेजों ने विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता का खुलासा किया है।

  • चुन्नी के घर से कालिका के घर तक 200 मीटर चकरोड के लिए ₹1,24,115 की धनराशि जारी की गई, लेकिन मौके पर कोई निर्माण नहीं हुआ।
  • इसी तरह, सोनहरा सरहद से शिव मंदिर तक 400 मीटर चकरोड निर्माण के लिए तीन किस्तों में ₹1,90,000 का भुगतान प्रधान को मिल चुका है, लेकिन ज़मीन पर काम नदारद है। ग्रामीणों का आरोप है कि कागजों में दो चकरोड बनवा दिए गए, लेकिन मौके पर सिर्फ मिट्टी डाली गई।

विरोध बना हिंसा: प्रधान पुत्र ने फावड़े से किया हमला

जब इन अनियमितताओं का पता प्रधान तक पहुँचा, तो उन्होंने जांच से बचने के लिए आनन-फानन में चकरोड पर ईंटें गिरवाकर काम शुरू करवाने की कोशिश की। ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि पहले निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, उसके बाद ही कोई नया काम कराया जाए।

इसी बात पर ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के बीच तीखी बहस हुई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान प्रधान पुत्र ने फावड़ा लेकर ग्रामीणों को दौड़ाया। रामकृत कुमार नाम के एक ग्रामीण किसी तरह बच गए, जबकि मनोज कुमार नामक ग्रामीण घायल हो गए। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने मामले को और तूल दे दिया है।

सुलभ शौचालय और पंचायत भवन भी बदहाल: सुविधाओं का अभाव

ग्रामसभा में बने सुलभ शौचालयों की स्थिति भी बेहद दयनीय है। ये शौचालय गंदगी से पटे पड़े हैं और अधूरे हैं। ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि शौचालय बेकार पड़े होने के कारण उन्हें मजबूरी में सड़क किनारे खुले में शौच करना पड़ता है, जिससे उनकी गरिमा को ठेस पहुँचती है।

गाँव का पंचायत भवन भी खंडहर जैसा है। यहाँ न तो कोई कुर्सी, न मेज, न पेन और न ही कागज़ जैसी बुनियादी सुविधाएँ हैं। महिला और पुरुष शौचालय भी अधूरे पड़े हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ग्राम सचिव का कमरा गाँव के ही एक व्यक्ति द्वारा प्याज रखने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो दर्शाता है कि पंचायत भवन अपने मूल उद्देश्य से कितना भटक चुका है।

RTI कार्यकर्ता को धमकी, प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग

इस पूरे मामले को उजागर करने वाले गाँव के RTI कार्यकर्ता और समाजसेवी रामकृत राम ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने इन समस्याओं को उठाया, तो ग्राम प्रधान और उनके सहयोगियों द्वारा उन्हें धमकाया गया और मारपीट की चेतावनी भी दी गई।

समाजसेवी संस्था द्वारा जिलाधिकारी गाजीपुर को लिखित शिकायत दी गई है। विकास खंड अधिकारी संजय गुप्ता ने बताया कि मामले की सूचना मिली है और जल्द ही जांच करवाई जाएगी। दुल्लहपुर थाना अध्यक्ष केपी सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों से तहरीर मिली है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों की मांग है कि जांच निष्पक्ष हो और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए ताकि ग्रामीण विकास के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके।

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