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दिनभर अघोषित कटौती फिर भी कर रहे अपना महिमा मंडन |
इंदौर - इंदौर और आसपास के क्षेत्र में की जा रही अघोषित विद्युत कटौती की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। बिजली कब गुल हो जाए कहा नहीं जा सकता है। इसके बाद भी बिजली कंपनी के आला अधिकारी अपना महिमा मंडन करने में लगे हैं। अब तो ऐसे आला अधिकारी फील्ड में कार्य करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी का श्रेय भी स्वयं लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। अधिकारियों की दिलेरी भी देखिए की जिन्होंने कभी फिल्ड में तार का गेज नहीं नापा ऐसे डिप्लोमाधारी अधिकारी मेंटेनेंस की महिमा बखान कर रहे हैं। यहां यह भी गौर करने योग्य है कि आला अधिकारियों से पहले ऐसे बहुत से फील्ड वर्कर अर्थात छोटे कर्मचारियों और अधिकारी हैं जो सतत मैदानी कार्य करते हैं। वर्तमान में भी इन्हीं कर्मचारी और अधिकारी की मेहनत के कारण लोगों को विद्युत आपूर्ति में परेशानी नहीं हो रही है।
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अर्थात बिजली कंपनी के अधिकारियों को महिमा मंडन करने से पहले यह भी बताना चाहिए कि 100 करोड़ से भी अधिक के आईपीडीएस घोटाले में वे भी आरोपी रह चुके हैं। हालांकि यह बात और है कि उन्हें क्लीन सीट दी जा चुकी है, लेकिन यहां भी यह विचारणीय है कि वर्तमान में जब जांच विचाराधीन है तो कई अधिकारियों को क्लीन चिट कैसे दे दी गई।
करोड़ों रुपए लोकधन से किए मेंटेनेंस का हिसाब भी दें
बिजली कंपनी के आला अधिकारी जो अपना महिमा मंडन कर रहे हैं उन्हें यह भी हिसाब देना चाहिए कि जिस करोड़ों रुपए लोकधन को खर्च कर मेंटेनेंस किया गया, उसका हिसाब क्या है। ऐसी कौन से कार्य किए गए जिनके ऊपर मेंटेनेंस के नाम पर लोकधन खर्च किया गया है। वैसे भी बिजली कंपनी के घटिया मेंटेनेंस और घटिया क्वालिटी के पदार्थ इस्तेमाल करने की कहानी जगजाहिर है।