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8वां वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी-पेंशन में बंपर उछाल! जानें आपके बजट पर क्या होगा असर asar Aajtak24 News |
नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है! केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को हरी झंडी दे दी है, जिसके 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है. यह देश के 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी और पेंशन में भारी बदलाव लाने वाला है. यह सिर्फ वेतन रिवीजन नहीं, बल्कि उनकी फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़ा एक बड़ा बदलाव है।
बेसिक सैलरी और पेंशन में भारी इजाफा: क्या है फिटमेंट फैक्टर का जादू?
8वें वेतन आयोग में सबसे अहम बदलाव फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को लेकर होगा, जिससे नई बेसिक सैलरी और पेंशन तय की जाएगी।
- 7वें वेतन आयोग में: यह फैक्टर 2.57 था।
- 8वें वेतन आयोग में: इसे बढ़ाकर 2.86 तक किया जा सकता है।
अगर ऐसा होता है, तो इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
- न्यूनतम बेसिक सैलरी: 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये हो सकती है।
- न्यूनतम पेंशन: 9,000 रुपये से बढ़कर करीब 25,740 रुपये हो सकती है।
इस तरह, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बंपर बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, जो उनके मासिक बजट में बड़ी राहत देगी।
अलग-अलग पे लेवल पर कितनी बढ़ेगी सैलरी?
8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद, विभिन्न पे लेवल पर कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा हो सकता है, इसे आसान भाषा में समझें।
- लेवल 3 (ग्रेड पे 2000):
- बेसिक सैलरी: लगभग 57,456 रुपये
- कुल सैलरी: 74,845 रुपये
- डिडक्शन के बाद इनहैंड सैलरी: करीब 68,849 रुपये
- लेवल 6 (ग्रेड पे 4200):
- बेसिक सैलरी: करीब 93,708 रुपये
- कुल सैलरी: 1,19,798 रुपये
- इनहैंड सैलरी: लगभग 1,09,977 रुपये
- लेवल 9 (ग्रेड पे 5400):
- बेसिक सैलरी: 1,40,220 रुपये
- कुल सैलरी: 1,81,073 रुपये
- इनहैंड सैलरी: करीब 1,66,401 रुपये
- लेवल 11 (ग्रेड पे 6600):
- बेसिक सैलरी: 1,84,452 रुपये
- कुल सैलरी: 2,35,920 रुपये
- इनहैंड सैलरी: करीब 2,16,825 रुपये
अलाउंस और योगदान में भी बदलाव
बेसिक सैलरी बढ़ने के साथ-साथ अन्य भत्तों (अलाउंस) में भी इजाफा होगा।
- हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैवल अलाउंस (TA): इनमें भी बढ़ोतरी होगी. यह बढ़ोतरी कर्मचारी की पोस्टिंग लोकेशन और उनके ट्रैवल पर निर्भर करेगी, यही वजह है कि एक ही ग्रेड के दो कर्मचारियों की कुल सैलरी अलग-अलग हो सकती है।
- नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में योगदान: वर्तमान में कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10% योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14% देती है. बेसिक सैलरी बढ़ने से यह योगदान भी बढ़ेगा, जिससे रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड तैयार होगा।
- सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) फीस: CGHS की मासिक कटौती भी सैलरी के स्लैब से जुड़ी होती है. ऐसे में बेसिक सैलरी में इजाफा होने से CGHS में मासिक योगदान भी बढ़ सकता है।
क्यों खास है ये बदलाव?
8वां वेतन आयोग सिर्फ सैलरी बढ़ाने का काम नहीं करेगा, बल्कि यह कर्मचारियों के पूरे बजट और इनकम स्ट्रक्चर को बदल देगा. इसका असर उनसे जुड़े सभी खर्चों, सुविधाओं और उनकी आर्थिक प्लानिंग पर भी पड़ेगा। खासकर रिटायरमेंट प्लानिंग, होम लोन EMI, टैक्स सेविंग और इंश्योरेंस जैसे मामलों में यह बढ़ी हुई सैलरी लोगों को नई राहत और बेहतर वित्तीय सुरक्षा दे सकती है. यह एक ऐसा बदलाव है जो लाखों परिवारों के जीवन स्तर को सीधे प्रभावित करेगाv