मध्य प्रदेश में मानसून का कहर! रीवा-गुना समेत 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, अगले 4 दिन तूफानी मौसम mousam Aajtak24 News


मध्य प्रदेश में मानसून का कहर! रीवा-गुना समेत 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, अगले 4 दिन तूफानी मौसम mousam Aajtak24 News 

भोपाल/मध्य प्रदेश - दक्षिण-पश्चिम मानसून ने मध्य प्रदेश में अपनी दस्तक दे दी है, जिससे राज्य के कई हिस्सों में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। मौसम विभाग ने रीवा, गुना, अशोकनगर, दमोह, पन्ना, सतना, मैहर और मऊगंज सहित आठ जिलों के लिए भारी से अति भारी बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले चार दिनों तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने और तूफानी बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम केंद्र भोपाल के अनुसार, अगले 24 घंटों में 2.5 से 4.5 इंच तक बारिश दर्ज की जा सकती है। विशेष रूप से दमोह और पन्ना जिलों के लिए अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहाँ लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

प्रमुख शहरों में भी बारिश की संभावना: राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों में भी अगले कुछ दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश और तेज आंधी चलने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि अगले चार दिन तक प्रदेश में मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा।

तापमान में गिरावट: मॉनसून की एंट्री के साथ ही तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। गुरुवार को इंदौर में अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले के 31.4 डिग्री से काफी कम था। आर्द्रता 95 फीसदी रही और 25 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम हवा चली, जिससे मौसम खुशनुमा हो गया।

आने वाले दिनों का पूर्वानुमान (21-23 जून):

  • 21 जून (शुक्रवार): रीवा और सीधी में मूसलाधार बारिश का अलर्ट है। सिंगरौली, मऊगंज और शहडोल में भी भारी बारिश हो सकती है।
  • 22 जून (शनिवार): गुना, अशोकनगर और शिवपुरी में भारी बरसात की आशंका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और ग्वालियर सहित अन्य जिलों में भी आंधी-बारिश होने की संभावना है।
  • 23 जून (रविवार): दमोह, कटनी, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, मैहर, गुना और अशोकनगर में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान सावधानी बरतें और अनावश्यक यात्रा से बचें। राज्य में सक्रिय विभिन्न मौसमी सिस्टम (जैसे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर चक्रवातीय सिस्टम और उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से उत्तर गुजरात तक फैली ट्रफ) इस मानसूनी गतिविधि को और मजबूत कर रहे हैं।

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