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ओडिशा में बाढ़ का 'कहर': बालासोर में एक की मौत, 50 गांव डूबे; स्वर्णरेखा का जलस्तर घटा पर संकट बरकरार barkarar Aajtak24 News |
बालासोर - ओडिशा के बालासोर जिले में मानसून का कहर जारी है, जहां बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की दुखद मौत हो गई है। जिले के बलियापाल प्रखंड के बिष्णुपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र का एक युवक शनिवार को बाढ़ में बह गया था, जिसका शव रविवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के जवानों ने बरामद किया। इस घटना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति की गंभीरता को उजागर कर दिया है। हालाँकि, एक राहत भरी खबर यह है कि रविवार को स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति सुधरने की उम्मीद है। इसके बावजूद, जिले के चार प्रमुख प्रखंड – बलियापाल, भोगराई, बस्ता और जलेश्वर – के 50 से अधिक गांव अभी भी जलमग्न हैं, जिससे 50,000 से ज्यादा लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं।
जनजीवन अस्त-व्यस्त, राहत और बचाव कार्य जारी
बाढ़ का पानी गांवों और विशाल कृषि क्षेत्रों में घुस गया है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अधिकारियों का अनुमान है कि सामान्य स्थिति बहाल होने में कम से कम चार से पांच दिन लग सकते हैं। कई गांवों में सड़कें पानी में डूब जाने के कारण नावें ही अब संचार का एकमात्र साधन बची हैं।
स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने बचाव और राहत कार्यों में तेजी लाई है। अग्निशमन सेवा की पाँच टीमें, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF) की तीन टीमें और NDRF की एक टीम नौकाओं के साथ तैनात की गई हैं। प्रभावित गांवों के कई लोग अपने घर छोड़कर नदी के ऊँचे तटबंधों पर शरण लिए हुए हैं, जहाँ उन्हें तिरपाल के नीचे अस्थायी आश्रय दिया गया है।
बालासोर के जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी देते हुए बताया है कि प्रभावित लोगों को टैंकरों और बोतलों में पीने का साफ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है; आशा कार्यकर्ता भोगराई और अन्य 28 गांवों में ओआरएस (ORS) घोल और हैलोजन टैबलेट बांट रही हैं, ताकि पानी से होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। सभी प्राथमिक उपचार केंद्रों, उपकेंद्रों और आशा स्तर पर दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई हैं।
सियासी घमासान और राजस्थान में मानसून का मिजाज
इस बाढ़ को लेकर राजनीतिक गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी ने झारखंड स्थित चांडिल बांध से बिना किसी पूर्व सूचना के अतिरिक्त पानी छोड़े जाने को बाढ़ का मुख्य कारण बताया है। उन्होंने इसे 'आपराधिक लापरवाही' करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने भोगराई, बलियापाल और जलेश्वर क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत कार्य और वितरण की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है।
ओडिशा के अलावा, राजस्थान में भी दक्षिण-पश्चिम मानसून का असर दिख रहा है। बीते चौबीस घंटों में राज्य के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई है, जिसमें माउंट आबू तहसील में सर्वाधिक 180 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में, विशेषकर भरतपुर, कोटा और जयपुर संभाग में 22 से 24 जून तक कहीं भारी तो कहीं अति भारी बारिश की संभावना जताई है।