पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मंदिर में पूजा-अर्चना से पहले ये युवक गोदावरी नदी में पवित्र स्नान के लिए गए थे। नदी में प्रवेश करते ही वे गहरे पानी और अप्रत्याशित रूप से तेज धारा की चपेट में आ गए। क्षण भर में ही पांचों युवक संतुलन खो बैठे और डूब गए। घटना इतनी तेजी से हुई कि पास खड़े अन्य सदस्यों या स्थानीय लोगों को बचाव के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। मृतकों की पहचान राकेश (17), विनोद (18), मदन (18), रुथ्विक और भरत (24) के रूप में हुई है। ये सभी हैदराबाद के दिलसुखनगर के चिंतलबस्ती के निवासी थे और एक ही परिवार से संबंधित थे। इस घटना ने एक ही झटके में पांच युवाओं की जान ले ली, जिससे उनके परिवारों में गहरा शोक और मातम पसर गया है।
भैंसा के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अविनाश कुमार ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि समूह के कुछ सदस्यों ने नदी की गहराई और तेज बहाव का सही अंदाज़ा नहीं लगाया। उन्होंने बताया कि जैसे ही घटना की सूचना मिली, स्थानीय पुलिस और प्रशिक्षित तैराकों की एक टीम तुरंत मौके पर पहुँची और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया। अथक प्रयासों और कई घंटों की तलाश के बाद, पांचों शवों को गोदावरी नदी से सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। शवों को आगे की कानूनी प्रक्रियाओं और पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस त्रासदी का एक और दर्दनाक पहलू यह है कि ये सभी युवक मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे। मृतकों में से चार युवक पाली जिले के निवासी थे, जबकि एक युवक नागौर जिले के ताऊसर गांव का रहने वाला था। इस दुखद समाचार के राजस्थान में उनके पैतृक गांवों तक पहुँचते ही वहाँ भी शोक की लहर दौड़ गई है। पाली और नागौर के गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है, क्योंकि एक ही झटके में कई घरों के चिराग बुझ गए। मृतक ऋतिक के पिता का पहले ही निधन हो चुका था, जिससे उनके परिवार का दुख और भी गहरा हो गया है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद, शवों को राजस्थान ले जाने की व्यवस्था की जा रही है, जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह घटना नदी तटों पर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और श्रद्धालुओं के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने की आवश्यकता पर गंभीर सवाल उठाती है।