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कलेक्टर आशीष सिंह |
इंदौर - कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व कोर्ट में सीसीटीवी कैमरे के लगाने की घोषणा क्या की मानों राजस्व कोर्ट में हलचल मच गई। ठीक वैसी ही हलचल जैसे वीरान पड़े जंगल में बाहर आने पर मचती है। राजस्व न्यायालय (एसडीएम और तहसीलदार कोर्ट) में समय पर न आने वाले और लापरवाही करने वाले क्लर्क-अधिकारियों में तो मानों 440 वाल्ट का करंट दौड़ पड़ा है। सबसे ज्यादा पीड़ा उन्हें हो रही है जो बिना अन्य आय के आवेदकों की फाइलों को हाथ लगाना तक उचित नहीं समझते हैं। वहीं दूसरी ओर समय पर आने वाले और अपने कार्य के प्रति जिम्मेदारी निभाने वाले कर्मचारियों में सीसीटीवी लगाने की घोषणा से खुशी व्याप्त है। कहने का मतलब है कि कलेक्टर साहब की सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणा से कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल है।
पारदर्शी और सुशासन की पहल करने वाले कलेक्टर आशीष सिंह ने एक बार फिर इस ओर बेहतर कदम उठाया है। आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों में तो सीसीटीवी कैमरे की हलचल से ही खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। सूत्र बताते हैं कि राजस्व न्यायालय में ऐसे कर्मचारी बहुतायत में है जो न तो कभी समय पर दफ्तर पहुंचते हैं और न ही बगैर अन्य आय के फाइलों को हाथ लगाते हैं। शायद यही कारण है कि दिन प्रतिदिन राजस्व कोर्ट में प्रकरणों की बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे ही लापरवाह और गैर जिम्मेदार कलर का अधिकारियों को अब इन सीसीटीवी कैमरों की आहट से भय व्याप्त हो रहा है। सीसीटीवी कैमरे कहीं लापरवाही और अन्य आय की पोल ना खोल दें इसलिए अन्य आय के नए रास्तों की खोज में लग गए हैं। प्रासंगिक है कि कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व कोर्ट के सुनवाई कक्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से युक्त हाई-टेक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की घोषणा की है। ये कैमरे सिर्फ सुनवाई के समय सक्रिय होंगे और इनकी लाइव फीड सीधे कलेक्टर कार्यालय में देखी जा सकेगी। कलेक्टर आशीष सिंह है कि इस निर्णय की सभी खुले दिल से प्रशंसा कर रहे हैं। यह कदम मध्यप्रदेश में पहली बार उठाया गया है।