अहमदाबाद में 'मिनी बांग्लादेश' पर अब तक का सबसे बड़ा बुलडोजर एक्शन: 8,000 से ज़्यादा अवैध निर्माण ध्वस्त dhwast Aajtak24 News

 

अहमदाबाद में 'मिनी बांग्लादेश' पर अब तक का सबसे बड़ा बुलडोजर एक्शन: 8,000 से ज़्यादा अवैध निर्माण ध्वस्त dhwast Aajtak24 News 

अहमदाबाद -  अहमदाबाद के चंडोला तालाब क्षेत्र में एक अभूतपूर्व बुलडोजर कार्रवाई की गई, जिसने अवैध अतिक्रमण और कथित तौर पर बांग्लादेशी प्रवासियों के गढ़ बन चुके 'मिनी बांग्लादेश' पर कड़ा प्रहार किया। इस मेगा डिमोलिशन ड्राइव में 8,000 से अधिक अवैध घरों और दुकानों को ज़मींदोज़ कर दिया गया, जो गुजरात के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई है।

ऑपरेशन का पैमाना और सुरक्षा व्यवस्था:

इस विशाल अभियान के लिए ज़बरदस्त तैयारी की गई थी। लगभग 40 जेसीबी और 35 हिताची मशीनें अतिक्रमण हटाने के काम में लगाई गईं। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 3,000 पुलिसकर्मियों और राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) की 25 कंपनियों को तैनात किया था। स्वयं अहमदाबाद पुलिस आयुक्त जी.एस. मलिक इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे।

चरणबद्ध कार्रवाई और सरकारी ज़मीन की मुक्ति:

यह बुलडोजर एक्शन का दूसरा और अंतिम चरण था। पहले चरण में अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने 2,000 से अधिक झोपड़ों और बांग्लादेशियों के मददगार महमूद पठान उर्फ लल्ला बिहारी के रिसॉर्ट को ध्वस्त किया था। एएमसी का लक्ष्य चंडोला झील के आसपास की लगभग 2.5 लाख वर्ग मीटर सरकारी ज़मीन को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करना है। पिछले महीने 1.25 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया गया था, और अब शेष भूमि को साफ किया जा रहा है।

ड्रोन सर्वेक्षण और अवैध कब्ज़े का खुलासा:

संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि अभियान शुरू करने से पहले एएमसी ने एक विस्तृत ड्रोन सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण में सामने आया कि झील के आसपास के 2.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र पर अभी भी अवैध कब्ज़ा है, और यहां लगभग 8,000 मकान अवैध रूप से बनाए गए हैं। यह सर्वेक्षण अवैध निर्माण की सही संख्या और फैलाव को समझने में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध प्रवासियों पर नकेल:

गुजरात हाई कोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र में असामाजिक तत्व और अवैध बांग्लादेशी निवासी मुख्य लक्ष्य थे। अभियान के पहले चरण से पूर्व अवैध रूप से रह रहे 202 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया था, और 200 से अधिक को पहले ही डिपोर्ट किया जा चुका है। यह कार्रवाई अवैध प्रवासियों पर नकेल कसने और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

स्थानीय लोगों का विरोध और वैकल्पिक आवास की पेशकश:

हालांकि, इस कार्रवाई का स्थानीय लोगों द्वारा विरोध भी किया गया है। दूसरी ओर, एएमसी ने घोषणा की थी कि जो लोग 2010 या उससे पहले से यहां रह रहे हैं, वे वैकल्पिक आवास के लिए पात्र होंगे। इस प्रावधान के तहत कई लोग पहले ही अपना घरेलू सामान स्थानांतरित कर चुके हैं।

यह विशाल अभियान अहमदाबाद में अवैध अतिक्रमण और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर एक कड़ा संदेश देता है। पुलिस-प्रशासन का यह दृढ़ संकल्प है कि जब तक सभी अवैध ढांचे हटा नहीं दिए जाते, तब तक अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रहेगा। यह कार्रवाई न केवल शहर में व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास है, बल्कि अवैध गतिविधियों और घुसपैठ को रोकने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।


Post a Comment

Previous Post Next Post