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मिट्टी की सेहत का राज़: फसल बोने से पहले इन 5 नियमों को जान लो, नहीं तो पछताओगे! Aajtak24 News |
नई दिल्ली - आधुनिक खेती में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना बेहद जरूरी है, और इसकी शुरुआत होती है मिट्टी की सेहत को समझने से। अच्छी फसल पैदावार और किसानों की आय बढ़ाने के लिए मिट्टी परीक्षण (Soil Testing) एक अनिवार्य कदम है। यह हमें बताता है कि हमारी जमीन में कौन-कौन से पोषक तत्व मौजूद हैं, किनकी कमी है और कौन से तत्व अधिक मात्रा में हैं। इस जानकारी के आधार पर किसान अपनी खेत की उर्वरता को समझ सकते हैं और उसी अनुसार खाद, उर्वरक और फसल का चुनाव कर सकते हैं। हालांकि, मिट्टी का नमूना लेने से लेकर जांच करवाने तक की पूरी प्रक्रिया में सावधानी बरतना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही हुई, तो जांच के परिणाम गलत आ सकते हैं, जिससे किसानों को फायदा होने की बजाय भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए, जानते हैं मिट्टी परीक्षण में नमूना एकत्रित करने की सही विधि और आवश्यक सावधानियां।
मिट्टी परीक्षण में नमूना एकत्रित करने की विधि
मिट्टी का सही नमूना ही सटीक जांच रिपोर्ट की नींव है। इसके लिए इन चरणों का पालन करें:
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मिट्टी को मिलाना और एक ठीक नमूना बनाना: एक खेत के भिन्न-भिन्न स्थानों से तसले या कपड़े में मिट्टी के नमूने इकट्ठे करें। इन नमूनों को छाया में रखकर अच्छी तरह सुखा लें। ध्यान रहे, धूप में सुखाने से मिट्टी के कुछ रासायनिक गुण बदल सकते हैं। एक खेत से एकत्रित की हुई सभी मृदा को अच्छी तरह मिलाकर एक नमूना बनाएं और उसमें से लगभग आधा किलो मिट्टी का नमूना लें। यह आधा किलो मिट्टी का नमूना समूचे खेत का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।
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लेबल लगाना: हर नमूने के साथ एक स्पष्ट और टिकाऊ लेबल लगाएं। इस पर किसान का नाम, पता और खेत का नंबर साफ-साफ लिखें। अपने रिकॉर्ड के लिए भी इसकी एक नकल अपने पास रख लें। दो लेबल तैयार करें – एक थैली के अन्दर डालने के लिए और दूसरा थैली के बाहर लगाने के लिए। कभी भी स्याही से न लिखें; हमेशा बॉल पेन या कॉपिंग पेंसिल का उपयोग करें ताकि पानी या नमी से जानकारी मिटे नहीं।
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सूचना पर्चा भरना: खेत और खेत की फसलों का पूरा ब्योरा एक सूचना पर्चा में लिखें। यह सूचना आपकी मृदा की रिपोर्ट और सिफारिशों को अधिक लाभकारी बनाने में सहायक होगी। सूचना पर्चा कृषि विभाग के अधिकारियों से प्राप्त किया जा सकता है। सूचना पर्चा में निम्नलिखित बातों की जानकारी अवश्य दें:
- किसान का नाम व पता
- नमूना एकत्र करने की दिनांक
- खेत का नंबर या नाम
- पिछली बोई गई फसल का नाम
- प्रस्तावित फसल का नाम
एकत्रित नमूनों की जांच के लिए आप स्वयं, डाक पार्सल द्वारा, या किसी कृषि प्रसार कार्यकर्ता के माध्यम से निकट की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में भेज सकते हैं।
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नमूने बांधना: हर नमूने को एक साफ कपड़े की थैली में डालें। ऐसी थैलियों का उपयोग बिल्कुल न करें जो पहले खाद आदि के लिए इस्तेमाल की जा चुकी हों या किसी और कारण से खराब हों। एक लेबल थैली के अंदर भी डालें और थैली को अच्छी तरह से बंद करके उसके बाहर भी एक लेबल लगा दें।
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नमूना कब लें?: मिट्टी का नमूना लेने का समय भी महत्वपूर्ण है। यदि सघन कृषि की जा रही हो, तो नमूने एक फसल चक्र के पूरा होने पर प्रतिवर्ष लेने चाहिए। अन्यथा, तीन वर्ष में एक बार मिट्टी परीक्षण करवाना पर्याप्त रहता है। सबसे अच्छा समय रबी फसल की कटाई के बाद या खरीफ फसल की बुवाई से पहले होता है, जब खेत खाली होता है।
मिट्टी का नमूना लेने में आवश्यक सावधानियां
सही परिणाम के लिए इन सावधानियों का पालन करें:
- खाद के गड्ढे, मेढ़ (खेत की सीमाएं) तथा वृक्षों के नीचे से नमूने नहीं लेने चाहिए, क्योंकि इन जगहों पर मिट्टी की रासायनिक संरचना सामान्य खेत से अलग होती है।
- ऐसे क्षेत्र जहां अधिकतर समय पानी भरा रहता हो, वहां से नमूने एकत्र न करें।
- यदि नमूना लेने वाला क्षेत्र बड़ा है, तो नमूनों की संख्या क्षेत्र के अनुरूप बढ़ा देनी चाहिए ताकि पूरे खेत का सही प्रतिनिधित्व हो सके।
- एकत्रित मृदा नमूनों को न तो उर्वरकों के बोरे के पास रखना चाहिए और न ही उन पर सुखाना चाहिए, क्योंकि इससे बाहरी तत्वों का मिश्रण हो सकता है।
- नमूने लेते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि किस क्षेत्र में उर्वरक का प्रयोग किया गया है और किसमें नहीं। अलग-अलग उर्वरित क्षेत्रों से अलग नमूने लें।
- पहले नमूने को प्लास्टिक की थैली में बंद करें, बाद में उसे कपड़े की थैली में रखें। यह नमी को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
- नमूना इकट्ठा करते समय हाथ की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। अन्यथा सूक्ष्म तत्वों में स्पर्श दोष का प्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए लकड़ी से बने उपकरण से नमूना लेना बेहतर होता है।
- नमूना गीला होने पर इसे बोरे के बजाय प्लास्टिक की सीट पर छाया में सुखायें।
मिट्टी परीक्षण एक निवेश है जो आपको अपनी जमीन को बेहतर ढंग से समझने और खेती से अधिक लाभ कमाने में मदद करेगा। इन सरल लेकिन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी मेहनत और निवेश सही दिशा में जाए।