भीषण गर्मी में आधे इंदौर में नहीं चले नल, लोग पानी को तरसे tarse Aajtak24 News


नर्मदा प्रोजेक्ट के पंप बंद होने के कारण पश्चिम की टंकियां रही खाली 


इंदौर - भीषण गर्मी के दौर में नगर निगम ने आज मंगलवार को जल संकट की सौगात भी दी है। पश्चिम क्षेत्र में आज नलों से पानी का वितरण नहीं हो सका। नल नहीं चलने के कारण आधे इंदौर में आज भीषण जल संकट भी हो रहा है। बताया जाता है कि नर्मदा प्रोजेक्ट के पंप बंद हो जाने के कारण पश्चिम क्षेत्र की करीब डेढ़ दर्जन टंकियां खाली रह गई। कुछ टंकियां में पानी पहुंच भी तो नहीं के बराबर। इससे लोग इंतजार करते रहे लेकिन नलों से पानी नहीं आया। कुछ लोगों ने नर्मदा प्रोजेक्ट के अधिकारियों को फोन लगाए और अधिकांश लोगों ने वैकल्पिक व्यवस्था कर दिनचर्या को सुचारु करने की कोशिश की है। इधर, सूत्र बताते हैं कि टैंकरों की संख्या बढ़ाने के लिए कृत्रिम रूप से जल संकट पैदा करने की साजिश रची जा रही है।

जानकारी अनुसार मंगलवार पश्चिमी शहर में नलों से जल आपूर्ति का दिन था, लेकिन आज नालों से सप्लाई नहीं हो सकी। इसका कारण बताया जा रहा है कि जलूद स्थित नर्मदा प्रोजेक्ट के पंप बंद हो गए। इस कारण पानी इंदौर नहीं पहुंच सका। पानी नहीं पहुंचने के कारण से पश्चिमी शहर की डेढ़ दर्जन से अधिक टंकियां आज खाली रह गई। नल नहीं चलने के कारण पश्चिम क्षेत्र की टंकियां से जुड़ी सैकड़ो कॉलोनीयों के लोगों को पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करना पड़ी। लोगों ने पास पड़ोसी स्थित बोरिंगों से पानी की व्यवस्था की वहीं कुछ लोगों ने महंगे टैंकर भी खरीद कर पानी की व्यवस्था की है। उधर नर्मदा प्रोजेक्ट के अधिकारी और नगर निगम के झोनल ऑफिस पर जब लोगों ने फोन लगाया तो एक ही जवाब सुनने को मिल रहा था कि पंप नहीं चले इस कारण पानी नहीं सप्लाई हो सका है। लोगों ने जब टैंकर से पानी भेजने की मांग की तो बताया गया कि अपना नाम और पता लिख दें नंबर आने पर टैंकर भेज दिया जाएगा। हालांकि यह नहीं कोई बता पाया कि टैंकर आज पहुंच भी पाएगा या ऐसे ही दिन निकल जाएगा।

गर्मियों में टैंकरों से भी नहीं हो पा रही जलापूर्ति

गर्मी के समय हर वर्ष शहर में जल संकट की स्थिति बनती है। इस वर्ष भी ऐसा ही हो रहा है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो शहर वासियों को गर्मी के समय इस प्रकार की स्थिति का सामना करने की एक तरह से आदत बन चुकी है। जैसी स्थिति जल संकट की आज बनी है ऐसी हर वर्ष गर्मी में कई बार बनती है, लोग नगर निगम अधिकारियों को फोन लगाते हैं और अगले दिन से फिर अपनी दिनचर्या में वैसे ही व्यस्त हो जाते हैं। अधिकारी भी गर्मी के पूर्व और गर्मी में इसी तरह के आश्वासन देते हैं और गर्मी खत्म होते ही मामला फिर ठंडा बस्ते में चला जाता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो जल संकट की स्थिति गर्मी में होना नई बात नहीं है।

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