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भारतीय सेना में करियर की संभावनाओं पर नवोदित युवाओं को मिला मार्गदर्शन |
भोपाल – परमहंस संत श्री हिरदाराम साहिब जी की पावन प्रेरणा एवं श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के मार्गदर्शन में नवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूल एवं मिठी गोविंदराम पब्लिक स्कूल के कक्षा 10वीं, 11वीं एवं 12वीं (विज्ञान संकाय) के विद्यार्थियों के लिए "डिफेंस सर्विसेज़ एवं उसकी तैयारी" विषय पर एक प्रेरणादायक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति की भावना को सुदृढ़ करना तथा उन्हें भारतीय थल सेना, नौसेना एवं वायुसेना जैसे गौरवपूर्ण रक्षा क्षेत्रों में करियर की संभावनाओं से परिचित कराना था। कार्यक्रम का शुभारंभ संत हिरदाराम साहिब जी, माँ भारती एवं माँ सरस्वती के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी, सचिव घनश्याम बूलचंदानी, अकादमिक डायरेक्टर गोपाल गिरधानी, दोनों विद्यालयों के प्राचार्यगण अमृता मोटवानी एवं अजय बहादुर सिंह, शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा,
"देश की सेवा करने का भाव बचपन से ही विद्यार्थियों में रोपित करना आवश्यक है। आज का युवा यदि देश के प्रति समर्पित होगा, तो कल का भारत और अधिक सुरक्षित एवं सशक्त बनेगा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कर्नल नारायण परवानी ने विद्यार्थियों को डिफेंस सर्विसेज़ में उपलब्ध अवसरों, NDA, CDS, AFCAT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रकृति, चयन प्रक्रिया, शारीरिक एवं मानसिक मापदंडों आदि पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को अनुशासन, आत्मविश्वास और नेतृत्व जैसे गुणों के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रेरणादायक वीडियो क्लिप्स के माध्यम से उन्हें सशक्त बनने का संदेश दिया।
अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा,
"डिफेंस सर्विसेज़ केवल करियर का माध्यम नहीं, बल्कि मातृभूमि की सेवा का पवित्र अवसर है। हमें चाहिए कि हम ऐसी युवा पीढ़ी तैयार करें जो न केवल शिक्षित हो, बल्कि आत्मनिर्भर और देशभक्त भी हो।
कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षिका शशि नाथ द्वारा किया गया।
अंत में मिठी गोविंदराम पब्लिक स्कूल के प्राचार्य अजय बहादुर सिंह ने मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह सत्र छात्रों के लिए निश्चय ही प्रेरणादायक सिद्ध होगा और उनमें राष्ट्रसेवा की भावना को और अधिक गहराई प्रदान करेगा।