ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम रवाना हुई बाबा केदार की डोली, 2 मई को खुलेंगे कपाट kapat Aajtak24 News

ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम रवाना हुई बाबा केदार की डोली, 2 मई को खुलेंगे कपाट kapat Aajtak24 News 

भोपाल  - उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह अपने चरम पर है। खासकर केदारनाथ यात्रा के लिए लोग अत्यधिक उत्साहित हैं। 2 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा की शुरुआत सोमवार को ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से बाबा केदारनाथ की चलविग्रह डोली के प्रस्थान के साथ हो गई। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे और पूरे क्षेत्र में बाबा के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। यह यात्रा बाबा केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास के अंत और उनकी वापसी की प्रतीक है।

डोली का प्रस्थान और शुभ संकेत

ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से बाबा केदारनाथ की डोली का प्रस्थान एक ऐतिहासिक घटना है। डोली के इस आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और बाबा के दरबार में जाने की अपनी चाहत को पूरा करने का संकल्प लिया। बाबा केदारनाथ की डोली छह महीने के शीतकालीन प्रवास के बाद ओंकारेश्वर मंदिर में रुकी रहती है, जहां पूजा-अर्चना होती है। जब केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का ऐलान होता है, तो डोली को वापस केदारनाथ भेजा जाता है, और यह यात्रा भक्तों के लिए नई शुरुआत का संकेत होती है।

उत्सव डोली का रास्ता और यात्रा का महत्व

बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली सोमवार सुबह आर्मी बैण्ड की भक्तिमय धुनों, हजारों भक्तों के जोश और भोलेनाथ के जयकारों के साथ गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई। इस दौरान केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग ने ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में पुजारी बागेश लिंग को विधिपूर्वक अंग वस्त्र और मुकुट पहनाकर आशीर्वाद दिया। डोली के इस शुभ प्रस्थान से पहले बाबा के रक्षक क्षेत्रपाल भैरवनाथ की पूजा-अर्चना भी की गई। इस धार्मिक आयोजन में सभी ने मिलकर बाबा केदारनाथ से सुख, समृद्धि और आशीर्वाद की कामना की।

यात्रा की तैयारी और मार्ग की स्थिति

केदारनाथ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस, मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों ने कई स्तरों पर तैयारियां की हैं। इससे पहले, केदारनाथ यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए संस्कृति एवं भाषा विभाग के सचिव और केदारनाथ यात्रा के प्रभारी सचिव युगल किशोर पंत ने क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में युगल किशोर पंत ने केदारनाथ मंदिर परिसर में चल रहे पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं, ताकि यात्रा शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।

मार्ग पर बर्फ की सफाई

युगल किशोर पंत ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक के पैदल मार्ग का भी निरीक्षण किया और मार्ग पर जमी बर्फ को हटाने के लिए संबंधित विभागों को आदेश दिए। उन्होंने मंदिर परिसर में जमी बर्फ को हटाने का भी निर्देश दिया, ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो।

2 मई को खुलेगा बाबा केदारनाथ के कपाट

इस यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम में भारी भीड़ और श्रद्धालुओं का आना अपेक्षित है। 1 मई को बाबा केदारनाथ की डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी और 2 मई को सुबह 7 बजे बाबा केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस दौरान जिला प्रशासन, पुलिस, मंदिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी और हजारों भक्त मौजूद रहेंगे, जो इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनेंगे। केदारनाथ यात्रा हर साल एक धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव के रूप में मनाई जाती है, और यह यात्रा लाखों श्रद्धालुओं को अपने साथ जोड़ती है। इस यात्रा से न केवल आध्यात्मिक समृद्धि मिलती है, बल्कि यह उत्तराखंड के पर्यटन को भी बढ़ावा देती है।

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