कोलकाता के रितुराज होटल में देर रात लगी भीषण आग में 14 लोगों की मौत, कई घायल; प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख dukh Aajtak24 News

 

कोलकाता के रितुराज होटल में देर रात लगी भीषण आग में 14 लोगों की मौत, कई घायल; प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख dukh Aajtak24 News

कोलकाता - कोलकाता के व्यस्त बड़ा बाजार क्षेत्र में मंगलवार रात एक भीषण अग्निकांड ने भयावह त्रासदी का रूप ले लिया, जब मछुआ फल मंडी के पास स्थित रितुराज होटल में आग लगने से 14 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा रात करीब सवा आठ बजे हुआ, जब होटल में अधिकांश लोग विश्राम कर रहे थे। आग इतनी तेजी से फैली कि कई लोगों को भागने का मौका तक नहीं मिला और वे धुएं में दम घुटने से मारे गए। दमकल विभाग की टीम को मौके पर पहुंचने में लगभग एक घंटा लग गया और आग पर काबू पाने में साढ़े तीन घंटे लग गए। चश्मदीदों के अनुसार, राहत और बचाव कार्य में भी देरी हुई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। वहीं, भाजपा ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए इस हादसे को हत्या जैसा करार दिया और राज्य सरकार पर निशाना साधा। घटना की जांच जारी है, शुरुआती कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, लेकिन सच्चाई जांच के बाद ही सामने आएगी। यह हादसा न सिर्फ एक तकनीकी चूक, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता की कहानी भी कहता है।

सुबह चार बजे तक चला रेस्क्यू, निकाले गए 14 शव
दमकल विभाग ने आग पर काबू पाने के लिए करीब ढाई घंटे तक मशक्कत की। राहत और बचाव कार्य सुबह करीब साढ़े चार बजे समाप्त हुआ, जिसके बाद होटल से 14 शवों को बाहर निकाला गया। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि चश्मदीदों के अनुसार मरने वालों की संख्या 18 से 20 के बीच हो सकती है।

पीएम मोदी ने जताया शोक, मुआवजे का ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा शोक जताया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
"कोलकाता में आग लगने की दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

बीजेपी ने उठाए सवाल, बताया हत्या समान लापरवाही
इस हादसे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इसे एक "हत्या" करार दिया और राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
"कोलकाता में ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। यह केवल एक हादसा नहीं बल्कि हत्या है। मुख्यमंत्री को राज्य की हालत की चिंता नहीं, वह सिर्फ जश्न मनाने में व्यस्त हैं।"

शॉर्ट सर्किट की आशंका, जांच जारी
पुलिस और फायर ब्रिगेड विभाग की संयुक्त टीम इस बात की जांच में जुटी है कि आग कैसे लगी। शुरुआती रिपोर्ट में शॉर्ट सर्किट को आग का संभावित कारण माना गया है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष विस्तृत जांच के बाद ही सामने आएगा। होटल की फायर सेफ्टी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वहां कोई दमकल अलार्म या आपातकालीन निकासी योजना प्रभावी नहीं दिखी।

होटल में सुरक्षा मानकों की अनदेखी?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रितुराज होटल की फायर सेफ्टी और सुरक्षा उपाय काफी कमजोर थे। न तो आग बुझाने के पर्याप्त यंत्र थे, न ही सुरक्षित निकासी के मार्ग स्पष्ट रूप से चिह्नित थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में ऐसे कई छोटे होटल और लॉज हैं, जो बिना अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र के ही संचालित हो रहे हैं।

राज्य सरकार की भूमिका पर उठे सवाल
घटना ने राज्य सरकार की तैयारियों और अग्नि सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने कोलकाता नगर निगम और फायर ब्रिगेड विभाग से जवाब माँगा है कि आखिर इस तरह के संवेदनशील क्षेत्र में संचालित हो रहे होटलों की समय-समय पर जांच क्यों नहीं होती।

कोलकाता का यह हादसा एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि शहरी क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं केवल तकनीकी नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और प्रणालीगत दोषों का परिणाम हैं। यदि समय रहते दमकल पहुंच जाती, या होटल में सही फायर सेफ्टी उपाय होते, तो शायद इतनी बड़ी जानहानि न होती। अब देखना यह है कि राज्य सरकार और प्रशासन इस दुखद घटना से क्या सबक लेते हैं।


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