विद्युतीकरण के नाम लाखों डकार गए जिम्मेदार, अंधेरा कायम, विधायक नरेंद्र प्रजापति ने सुनी ग्रामीणों की फरियाद fariyad Aajtak24 News


विद्युतीकरण के नाम लाखों डकार गए जिम्मेदार, अंधेरा कायम, विधायक नरेंद्र प्रजापति ने सुनी ग्रामीणों की फरियाद fariyad Aajtak24 News 

रीवा - जिले में पांच साल पहले मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रौशनी पहुंचाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की थी। 15वें वित्त की राशि से पंचायत स्तर पर अंधकार मिटाने के लिए शुरू की गई इस योजना का नाम था "विद्युतीकरण", लेकिन आज यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। ग्राम पंचायतों में बिजली की सप्लाई तो नहीं हो सकी, लेकिन पंचायतों के सरपंच, सचिव, बिजली विभाग के ठेकेदार और भ्रष्ट अधिकारी निश्चित रूप से मालामाल हो गए। यह योजना शुरू होते ही कुछ महीनों बाद कांग्रेस सरकार गिर गई और भाजपा सरकार बनी, लेकिन भ्रष्टाचार में कोई बदलाव नहीं आया। बिजली की मरम्मत के नाम पर राशि का दुरुपयोग होता रहा, जबकि गांवों में बिजली की सप्लाई अब तक स्थिर नहीं हो पाई है। आज भी विद्युतीकरण के नाम पर शोपीस बनकर खंभे खड़े हैं, लेकिन लोगों को बिजली की सुविधा नसीब नहीं हो रही है।

मौके पर पहुंचे विधायक नरेंद्र प्रजापति:
हाल ही में ग्राम पंचायत गढ़ और आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों ने विद्युत समस्या और बिजली विभाग के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। इस पर क्षेत्रीय विधायक इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। विधायक ने तत्काल बिजली विभाग के अधिकारियों और कुछ सरपंचों को बुलाया और विद्युत व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए कड़े निर्देश दिए।

विधायक का बयान:
पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक नरेंद्र प्रजापति ने कहा, "मैंने जनता की समस्याओं को सुना और पूरा मामला समझ लिया है। मैंने सरपंचों और बिजली विभाग के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया है और उन्हें निर्देश दिया है कि विद्युत व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त किया जाए।" उन्होंने अधिकारियों को जल्दी से कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिए।

शोपीस बने खंभे:
ग्राम पंचायत गढ़, लौरी, डगरदुआ, परसी, टिकरी 32, बाबूपुर सहित कई अन्य गांवों में पांच साल पहले विद्युतीकरण किया गया था, लेकिन इन गांवों को आज भी बिजली की सुविधा नहीं मिल पाई है। सड़क किनारे खड़े खंभे शोपीस बनकर रह गए हैं, जिनमें लटकते हुए टूटे तार और फ्यूज ट्यूबलाइट दिख रहे हैं, लेकिन इनसे ग्रामीणों को कोई रोशनी नहीं मिल रही है। ग्रामीणों की उम्मीद अब विधायक से जुड़ी हुई है कि वे जल्द ही इस मुद्दे को हल करवा सकेंगे और उनके गांवों को रोशन किया जाएगा।

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