डिण्डोरी कृषि विज्ञान केंद्र में पीएम कुसुम योजना पर कार्यशाला, किसानों को सौर ऊर्जा के लाभों से अवगत कराया Workshop on PM Kusum Yojana at Dindori Krishi Vigyan Kendra, farmers were informed about the benefits of solar energy

डिण्डोरी कृषि विज्ञान केंद्र में पीएम कुसुम योजना पर कार्यशाला, किसानों को सौर ऊर्जा के लाभों से अवगत कराया Workshop on PM Kusum Yojana at Dindori Krishi Vigyan Kendra, farmers were informed about the benefits of solar energy

डिण्डोरी -  डिण्डोरी के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के तहत कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्र में सोलर ऊर्जा पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. गीता सिंह के नेतृत्व में हुआ, जबकि मार्गदर्शन डॉ. पीएल अंबुलकर ने किया। कार्यशाला में वरिष्ठ सलाहकार श्री संदीप नाइक ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM Kusum Scheme) के तहत किसानों को सौर ऊर्जा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और सलाह दी।

इस कार्यशाला में जिले के विभिन्न ग्रामों से कृषकों ने भाग लिया। उन्होंने सौर ऊर्जा, सोलर पंप और सौर ऊर्जा उत्पादन से जुड़ी अपनी सभी शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। इसके अलावा, सभी प्रतिभागियों को त्रैमासिक कृषि तकनीकी समाचार पत्रक प्रदान किया गया, ताकि वे आगे भी कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क में रह सकें और नई तकनीकों से अपडेट रहें।

कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मचारी रेणु पाठक, अवधेश कुमार पटेल, श्वेता मसराम, रवि अहिरवार और लोचन यादव ने सक्रिय रूप से भाग लिया और सौर ऊर्जा के लाभों को विस्तार से समझाया।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत ऊर्जा प्रदान करना है, जिससे वे अपनी सिंचाई की जरूरतों को पूरा कर सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें। योजना के तीन प्रमुख घटक हैं:

  1. 2 मेगावाट तक की क्षमता वाले लघु सौर विद्युत संयंत्रों की स्थापना के माध्यम से 10,000 मेगावाट सौर क्षमता की वृद्धि करना।
  2. 20 लाख स्टैंड-अलोन सौर चालित कृषि पंपों की स्थापना करना।
  3. 15 लाख ग्रिड-संबद्ध कृषि पंपों का सौरीकरण करना।

यह योजना किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी प्रोत्साहित करती है। सौर ऊर्जा के उपयोग से न केवल किसानों को स्वच्छ और सस्ते ऊर्जा स्रोत मिलते हैं, बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभकारी साबित होता है। 

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