एसडीएम टेकराम माहेश्वरी ₹10,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए, एंटी करप्शन ब्यूरो ने की कार्रवाई karyawahi Aajtak24 News |
बेमेतरा - जिले के साजा तहसील के एसडीएम टेकराम माहेश्वरी को 14 नवम्बर 2024 को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोप है कि एसडीएम ने भूमि डायवर्सन के मामले में दिव्यांग प्रार्थी तुकाराम पटेल से कुल ₹20,000 की रिश्वत की मांग की थी। यह मामला उस वक्त उजागर हुआ जब तुकाराम पटेल, जो ग्राम भठगांव, तहसील देवकर, जिला-बेमेतरा के निवासी हैं, ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत की थी। तुकाराम ने बताया कि उसने नगर पंचायत परपोड़ी स्थित अपनी माता के नाम पर भूमि के व्यपवर्तन (Diversion) के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु एसडीएम साजा कार्यालय में आवेदन किया था। इस दौरान आरोपी एसडीएम टेकराम माहेश्वरी ने तुकाराम से ₹1 लाख की रिश्वत की मांग की। तुकाराम रिश्वत देने के लिए तैयार नहीं था और उसने इसे अधिकारियों तक पहुंचाने का निर्णय लिया। एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा शिकायत का सत्यापन किया गया, जिसमें एसडीएम ने ₹20,000 की रिश्वत पर मोलभाव करते हुए ₹10,000 एडवांस रूप में लेने की सहमति दी। इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने ट्रेप ऑपरेशन की योजना बनाई। 14 नवम्बर को ऑपरेशन के तहत एसडीएम टेकराम माहेश्वरी और उनके सहयोगी नगर सैनिक गौकरण सिंह को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। दोनों आरोपियों को तत्काल हिरासत में लिया गया और उनके निवास स्थानों की तलाशी ली जा रही है। इस मामले में एसडीएम टेकराम माहेश्वरी और गौकरण सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) 1988 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आगे की जांच जारी रहेगी, और उनकी संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई को उजागर करती है, जिसमें राज्य सरकार और एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रयास जारी हैं।