सुकमा में जैविक नियंत्रण तकनीकों पर किसानों को किया गया प्रशिक्षित, सामग्री का हुआ वितरण Farmers trained on biological control techniques in Sukma, materials distributed

 

सुकमा में जैविक नियंत्रण तकनीकों पर किसानों को किया गया प्रशिक्षित, सामग्री का हुआ वितरण Farmers trained on biological control techniques in Sukma, materials distributed


सुकमा - कृषि विज्ञान केन्द्र सुकमा (मुरतोण्डा) में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण एवं सामग्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भा.कृ. अनु.प. राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो, बैंगलोर द्वारा प्रदत्त आदिवासी उप परियोजना के अंतर्गत आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत के साथ हुई, जिसमें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कृषि कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख विशेषज्ञों ने कृषकों को जैविक उत्पादों के उपयोग के महत्व के बारे में जानकारी दी। डॉ. योगेश कुमार मेश्राम ने किसानों को जैव उत्पादों के लाभों के बारे में बताया, जबकि डॉ. बी.पी. कतलम ने कृषक मित्र कीटों के संरक्षण के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा, डॉ. विकास सिंग ने रसायन मुक्त खेती के फायदों के बारे में बताया।

डॉ. प्रताप सिंह राठिया ने आलू की उन्नत खेती के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम में उपस्थित कृषि विज्ञान केन्द्र, सुकमा के विषय वस्तु विशेषज्ञों ने भी कृषकों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों को नेपसेक स्प्रेयर, फसलों में जैविक नियंत्रण हेतु फेरोमेन ट्रैप, मित्र कीट और सब्जियों की नर्सरी का वितरण किया गया। जिले के छिंदगढ़ और सुकमा विकासखंड के लगभग 65-70 कृषक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए, जिससे उन्हें जैविक खेती की तकनीकों के प्रति जागरूक किया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है, जिससे वे अधिक सुरक्षित और स्वस्थ कृषि उत्पाद प्राप्त कर सकें।

Post a Comment

Previous Post Next Post