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धान के बदले दलहन-तिलहन और नगदी फसलों की खेती को बढ़ावा देने पर जोर Emphasis on promoting cultivation of pulses, oilseeds and cash crops instead of paddy. |
उत्तर बस्तर कांकेर - कृषि उत्पादन आयुक्त सुश्री शहला निगार ने आज बस्तर संभाग के सभी कलेक्टर्स एवं विभागीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की। इस बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मछली पालन और पशु चिकित्सा विभाग की कार्य-प्रगति की जिलावार समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि धान की परंपरागत खेती में विविधता लाने के प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि किसान दलहन-तिलहन, मक्का, उद्यानिकी और नगदी फसलों की खेती की ओर अग्रसर हो सकें।
बैठक में सुश्री निगार ने विशेष रूप से मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिया कि वे अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को बीज उत्पादन कार्यक्रम से जोड़ने के उपाय करें। उन्होंने कहा कि राज्य में बीज की मांग को देखते हुए बीज उत्पादन कार्यक्रम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है और इसके लिए सभी जिलों से कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
संचालक कृषि ने बस्तर संभाग में कृषि विभाग की कार्य-प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ई-केवायसी कार्य में प्रगति लाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आधार सीडिंग, एफआरए और पीव्हीटीजी समूह के किसानों की ऑनलाइन एंट्री में तेजी लाने की आवश्यकता है।
बैठक में धान के रकबे को कम करने की रणनीतियों, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, और किसान क्रेडिट कार्ड के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी चर्चा की गई। इस दौरान आयुक्त बस्तर संभाग श्री डोमन सिंह, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला, और अन्य जिला एवं संभाग स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।