बिलासपुर – उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बिलासपुर संभाग के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक में विभाग के निर्माण कार्यों की गहन समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सड़कों के मरम्मत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 10 अक्टूबर तक कार्यादेश जारी करने और 15 अक्टूबर से मरम्मत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ निर्देश दिया कि सड़कों पर एक भी गड्ढा नहीं दिखना चाहिए और सभी सड़कें नवंबर तक पूरी तरह से ठीक हो जानी चाहिए।
श्री साव ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी कि काम में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, "काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को केवल निलंबन नहीं, बल्कि सीधे वीआरएस दिया जाएगा।"
बैठक में उपस्थित लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री कोमल प्रीत सिंह और मुख्य अभियंता श्री के.के. पिपरी के समक्ष उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इंजीनियरों को अपने कार्यशैली में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "समय के साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग करें और आधे से अधिक समय फील्ड में बिताएं। ऑफिस में बैठकर काम नहीं चल सकता।"
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय सीमा का पालन अनिवार्य
उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय सीमा का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब अधिकारी समय सीमा और गुणवत्ता तय करते हैं, तो उनकी जिम्मेदारी होती है कि वे इस पर सख्ती से अमल कराएं। ठेकेदार या अन्य किसी को काम की ड्राइविंग सीट पर नहीं होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि समय पर निर्माण कार्य पूरे न होने पर जटिलताएं पैदा होती हैं, जिससे प्रोजेक्ट उलझ जाते हैं। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि वे अपने कार्यों की समीक्षा स्वयं करें और समस्याओं का समाधान निकालने के लिए पूरी तरह से तैयार रहें।
बोनस और प्रोत्साहन का प्रावधान, दृष्टि ऐप पर निगरानी की नाराजगी
श्री साव ने बताया कि विभाग में बड़े कामों को समय से पहले पूरा करने पर बोनस का प्रावधान है, लेकिन अब तक किसी ने इस पर दावा नहीं किया है। उन्होंने कामों की निगरानी के लिए विभाग द्वारा लॉन्च किए गए "दृष्टि ऐप" का उपयोग न करने पर नाराजगी जताई।
इस बैठक के माध्यम से उप मुख्यमंत्री ने विभाग को स्पष्ट संदेश दिया कि विकास कार्यों में तेजी लाई जाए और उन्हें समय पर गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।