इंदौर - इंदौर शहर में प्रतिदिन वक्त-बेवक्त अघोषित विद्युत कटौती का दौर जारी है। ऐसे में करोड़ों रुपए के मेंटेनेंस का दावा करने वाली पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सुधार कार्य पर प्रश्न उठने लगे हैं। बिजली कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि फाल्ट होने की स्थिति में 5 मिनट में फॉल्ट रिमूव कर दिया जाता है, जबकि बिजली कंपनी के ही कॉल सेंटर के कर्मचारी उपभोक्ताओं को फॉल्ट रिमूव करने के लिए ढाई से 3 घंटे का समय बता रहे हैं। इससे बिजली कंपनी के अधिकारियों के झूठ की पोल खुलती है। साथ ही यह भी सामने आता है कि बिजली कंपनी अधिकारी किस प्रकार लोगों को गलत जानकारी देकर वाह-वाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता में बिजली कंपनी अधिकारियों के दावे सच्चाई से कोसों दूर है।
जानकारी अनुसार पश्चिम क्षेत्र स्थित एक कॉलोनी में हमेशा की तरह कल भी अघोषित कटौती हो गई। परेशान रहवासियों ने पहले बिजली कंपनी के गुमास्ता नगर स्थित झोनल कार्यालय पर फोन लगाया, लेकिन हमेशा की तरह बिजली कंपनी के गुमास्ता नगर झोनल कार्यालय से फोन रिसीव नहीं किया गया। लगातार कई कोशिशें के बाद भी जब गुमास्ता नगर झोनल कार्यालय पर फोन नहीं उठाया गया तो लोगों ने बिजली कंपनी की हेल्पलाइन 1912 पर फोन किया। लंबी फॉर्मेलिटी के बाद ऑपरेटर द्वारा शिकायत दर्ज कर ली गई। जब उपभोक्ताओं ने यह पूछा कि कितनी देर में फॉल्ट रिमूव हो जाएगा और कॉलोनी में बिजली पुनः बहाल हो जाएगी तो ऑपरेटर का कहना था कि कम से कम ढाई से 3 घंटे लग जाएंगे। उपभोक्ताओं द्वारा जब यह कहा गया कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा यह प्रचारित किया जाता है कि मात्र 5 मिनट में फॉल्ट रिमूव करवा दिया जाता है क्या यह झूठ है। इस पर ऑपरेटर का कहना रहा कि आपकी शिकायत संबंधी झोनल कार्यालय पर भेजी जाएगी। वहां से संबंधित फील्ड अधिकारियों को दी जाएगी उसके बाद नंबर आने पर आपकी शिकायत पर निराकरण किया जाएगा, इस सभी कार्य में करीब दो से ढाई घंटे का समय लग जाता है। इसके बाद शिकायत की प्रवृत्ति के आधार पर उसका निराकरण किया जाता है इसमें भी समय लगता है। इसके बाद भी यदि अधिकारी यह कहते हैं की मात्रा 5 मिनट में फाल्ट रिमूव होता है तो यह तो वही बता सकते हैं कि कैसे फॉल्ट रिमूव किया जाता है। इतना कहकर बिजली कंपनी के कॉल सेंटर के ऑपरेटर ने फोन काट दिया।
जनता किस सही मानें ऑपरेटर को या अधिकारी को
बिजली कंपनी के कॉल सेंटर के ऑपरेटर द्वारा यह बात कहे जाने पर प्रश्न उठना लाजिमी है कि जनता किसे सही माने प्रचार करने वाले बिजली कंपनी अधिकारी को या बिजली कंपनी के कॉल सेंटर के ऑपरेटर को। इससे यह भी बात सामने आने लगी है कि बिजली कंपनी अधिकारी झूठी जानकारी जनता को दे रहे हैं। हुआ भी यही जिस उपभोक्ता द्वारा कल बिजली कंपनी में शिकायत दर्ज करवाई गई उसकी कॉलोनी में भी बिजली पुनः बहाल होने में करीब ढाई घंटे का समय लग गया।