मुख्यमंत्री डॉ. यादव: उज्जैन में हरिद्वार की तर्ज पर साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रमों का निर्माण होगा, सिहंस्थ-2028 की तैयारियाँ शुरू Chief Minister Dr. Yadav: Permanent ashrams for saints and sages will be built in Ujjain on the lines of Haridwar, preparations for Simhanstha-2028 started.

मुख्यमंत्री डॉ. यादव: उज्जैन में हरिद्वार की तर्ज पर साधु-संतों के लिए स्थायी आश्रमों का निर्माण होगा, सिहंस्थ-2028 की तैयारियाँ शुरू Chief Minister Dr. Yadav: Permanent ashrams for saints and sages will be built in Ujjain on the lines of Haridwar, preparations for Simhanstha-2028 started.



 उज्जैन - मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उज्जैन में पत्रकारों से संवाद करते हुए घोषणा की कि साधु-संतों और महंतों के लिए हरिद्वार की तर्ज पर स्थायी आश्रम बनाए जाने की अनुमति दी जाएगी। यह निर्णय 2028 में होने वाले सिहंस्थ मेले की तैयारियों के तहत लिया गया है, जहां साधु-संतों को ठहरने और धार्मिक आयोजनों के लिए पर्याप्त भूमि की आवश्यकता होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि "हरिद्वार में जिस प्रकार साधु-संतों के अच्छे आश्रम बने हुए हैं, उसी प्रकार उज्जैन में भी आश्रमों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है।" उन्होंने यह भी कहा कि उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से योजना को आकार दिया जाएगा और स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ मिलकर उज्जैन को धार्मिक शहर के रूप में विकसित करने के लिए कार्य-योजना तैयार की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि सिहंस्थ के दौरान मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पेयजल और जल-निकासी के लिए स्थायी अधोसंरचना का निर्माण किया जाएगा, ताकि अस्थायी निर्माण से उत्पन्न समस्याओं से बचा जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि "हमारा उद्देश्य समाज के इच्छुक सनातन धर्मावलंबियों के माध्यम से अन्न क्षेत्र, धर्मशाला, आश्रम और चिकित्सा केंद्रों का संचालन करना है।" उन्होंने उज्जैन से इंदौर के बीच सिक्स-लेन सड़क के निर्माण और उज्जैन-इंदौर मेट्रो ट्रेन संचालन की स्वीकृति की जानकारी भी साझा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि महंतों और महामंडलेश्वर को स्थायी आश्रमों के निर्माण के लिए भूखंड पर सीमित निर्माण की अनुमति दी जाएगी, ताकि क्षेत्र में पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं के लिए पर्याप्त जगह रहे।

उन्होंने कहा कि "उज्जैन के धार्मिक मूल स्वरूप को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किए जाएंगे, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले और श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो।"

मुख्यमंत्री का यह बयान उज्जैन में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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