कलेक्टर ने जन चौपाल में सुनी आमजनो की समस्याएं samsya Aajtak24 News


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कोरबा -  कलेक्टर श्री अजीत वसंत के समक्ष आज जनचौपाल में कुदरमाल पंचायत की रहने वाली विमला वैष्णव एवं नोनबिर्रा के मोहम्मद मुस्तफा हसन ने अपने जमीन पर हुए राखड़ डंपिंग को हटवाने एवं मुआवजा दिलाने का आवेदन प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने आवेदको की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल कार्यवाही करने आवेदकों के निजी जमीन से राखड़ हटाने एवं नुकसान का आकलन कर मुआवजा प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारी को निर्देशित किया। कोरबा विकासखण्ड के कुदरमाल की रहने वाली विमला वैष्णव अपनी समस्या की समाधान हेतु कलेक्टर जनचौपाल में पहुँची। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे उनके खेत में अवैध रुप से विभाग द्वारा राखड़ डंप किया गया है। जिससे उनकी खेती प्रभावित हुई है। इसी प्रकार नोनबिर्रा निवासी मोहम्मद मुस्तफा हसन ने भी अपने निजी जमीन पर हुए राखड़ डंपिंग के संबंध में शिकायत कर राखड़ हटवाने का आग्रह किया। कलेक्टर ने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारी को तत्काल आवेदकों की निजी भूमि से राखड़ को हटवाने एवं हुए नुकसान का आकलन कर क्षतिपूर्ति प्रदान करने के निर्देश दिए। साथ ही आगे भविष्य में  किसी की निजी जमीन पर राखड़ डंप ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। कलेक्ट्रेट के नवीन सभाकक्ष में आयोजित हुए कलेक्टर जनचौपाल में आज कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने जिले के दूरस्थ क्षेत्रो से आए आम लोगों की समस्याओं, शिकायतों को गंभीरता से सुनकर अधिकारियों को शासन के नियमानुसार निराकरण करने हेतु निर्देशित किया।जनचौपाल में भिलाईबाजार  के रहने वाले श्री  मोहन लाल पाटले द्वारा अपने बेटे की उच्च शिक्षा में सहायता हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। मोहन लाल ने बताया कि उनका बेटा मनोज कुमार पाटले का चयन कर्नाटक राज्य के एनआईटी सुरतकल में एमटेक सिविल स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग में हुआ है। जहां वह प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि उनका परिवार अनुसूचित जाति वर्ग से आता है एवं आर्थिक रूप से कमजोर है, खेती मजदूरी कर के अपना जीवन यापन करते है। ऐसे में बेटे की उच्च शिक्षा के लिए संस्थान में प्रवेश तो हो गया परन्तु शैक्षणिक व अन्य खर्चो के वहन में समस्या आ रही है। कलेक्टर ने आवेदक मोहन लाल से कहा कि पैसे की कमी के कारण उनके  बेटे की पढ़ाई बिल्कुल प्रभावित नही होगी। उन्होंने सहायक आयुक्त आदिम जाति विकास विभाग को आवेदन का परीक्षण कर मनोज को राज्य स्तरीय छात्रवृत्ति प्रदान करवाने की बात कही। साथ ही और राशि की आवश्यकता होने पर जिला प्रशासन द्वारा सहयोग प्रदान करने की बात कही।



 



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