मुख्यमंत्री निवास में तीजा-पोरा तिहार पर भव्य आयोजन, महिलाओं के लिए विशेष छत्तीसगढ़ी भोज और लाख की चूड़ियां chudiya Aajtak24 News

 

मुख्यमंत्री निवास में तीजा-पोरा तिहार पर भव्य आयोजन, महिलाओं के लिए विशेष छत्तीसगढ़ी भोज और लाख की चूड़ियां chudiya Aajtak24 News 

रायपुर - छत्तीसगढ़ में तीजा और पोरा तिहार का विशेष उत्सव मुख्यमंत्री निवास में धूमधाम से मनाया गया। इस खास मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महिलाओं के सम्मान में एक भव्य आयोजन का आयोजन किया, जिसमें विशेष रूप से छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की व्यवस्था की गई थी। इस आयोजन ने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी संस्कृति और स्वाभाविक मेहमाननवाजी का अद्वितीय उदाहरण पेश किया। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस भव्य भोज में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी भोजन की एक विस्तृत श्रृंखला पेश की गई। मेनू में शामिल थे: करेला चना, खेकशी, कढ़ाई पनीर, आलू मटर टमाटर, कढ़ी पकौड़ा, दाल फ्राई, चावल, रोटी, पूड़ी, देहाती बड़ा, आलू चाप, मिर्ची पकौड़ा, चटनी (दो प्रकार), गुलाब जामुन, बेसन बर्फी, अचार, पापड़, और सलाद। इन सभी व्यंजनों को खासतौर पर तीजा-पोरा के इस पावन अवसर के लिए तैयार किया गया था, जिससे महिलाएं पारंपरिक स्वाद का आनंद ले सकें।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर महिलाओं को एक विशेष उपहार देने का निर्णय लिया। सभी उपस्थित महिलाओं को लाख की चूड़ियां भेंट की गईं, जो इस त्योहार की खुशियों को और बढ़ाने का एक सुंदर तरीका था। लाख की चूड़ियां प्राप्त करने के बाद, महिलाओं के चेहरों पर खुशी और संतोष की झलक देखी जा सकती थी। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री निवास में आए कारीगर बहनों को उनकी नाप के अनुसार चूड़ियां तैयार करने की व्यवस्था की गई। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि प्रत्येक महिला को उसकी पसंद और जरूरत के अनुसार उपहार मिले। इस पहल ने न केवल महिलाओं को खास महसूस कराया बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी सम्मानित किया। तेीजा-पोरा के इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महिलाओं को अपनी शुभकामनाएं दीं और उन्हें तीजा-पोरा की बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका और योगदान की सराहना की और उनके सुखी और समृद्ध जीवन की कामना की। इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं को संजोने के साथ-साथ महिलाओं को सम्मानित करने का एक शानदार तरीका प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री निवास में इस तरह के आयोजनों से न केवल पारंपरिक त्योहारों की खुशियों को साझा किया जाता है बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को भी प्रोत्साहित किया जाता है। तीजा-पोरा तिहार के इस भव्य आयोजन ने सभी उपस्थित लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया और छत्तीसगढ़ी परंपरा और संस्कृति की गरिमा को और बढ़ाया।





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