महिला संबंधी अपराधों में संलिप्त लोगों को सरकार का संरक्षण - विनोद चंद्राकर chandrakar Aajtak24 News |
महासमुंद - कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके हर दोषी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। लेकिन केंद्र व प्रदेश सरकार को भाजपा शासित राज्यों में होने वाले अपराध क्यों नहीं दिखाई देते। भाजपा में न्याय का मापदंड दोहरा क्यों है? उक्त बातें पूर्व संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कही। श्री चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा राज में अपराधों की ग्राफ में बढ़ोत्तरी देखने काे मिल रही है। महिलाओं से जुड़े अपराध बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं है। महिला अपराध के मामले में प्रदेश की स्थिति भयावह है। हर दिन कहीं न कहीं प्रदेश में महिला संबंधित अपराध घटित हो रहे हैं। हर दिन सामुहिक दुराचार हो रहा है, तो कहीं महिलाओं और बच्चियों की हत्या हो रही है। अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं है। सत्ता संरक्षण में ये बेखाैफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। आज स्थिति यह आ गई है कि राजधानी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। रायपुर नया बस स्टैंड में एक महिला के साथ गैंगरेप हो गया। दूसरे दिन पुलिस ने रिपोर्ट लिखी, लेकिन उसमें भी सामूहिक दुष्कर्म को नकार दिया गया। दुष्कर्म की शिकायत लिखा गया, यहां भी पुलिस अपराधियों को सजा देने के बजाए उन्हें बचाने में लगी हैं। हर दिन छत्तीसगढ़ में कहीं न कहीं गैंगरेप हो रहा हैं। महिलाएं घरों से बाहर नहीं निकल पा रही। पिछले 8 महीने के भाजपा कार्यकाल में प्रदेश भर के थानों में महिला संबंधी अपराधों के मामले दर्ज किए गए हैं। 600 से अधिक रेप हुए हैं। 3000 अन्य अपराध महिलाओं के खिलाफ हुए। लेकिन सरकार इन मामलों में पर्दा डालने का काम कर रही है। महिलाओं से संबंधित अपराध पर अंकुश लगाने में विफल प्रदेश की भाजपा सरकार इन अपराधों में पर्दा डालने तथा बदनामी से बचने थानों में दर्ज एफआईआर की जानकारी भी नहीं दे रहे हैं। अनेक प्रार्थी पक्ष एफआईआर की काॅपी के लिए भटकते हैं, उन्हें काॅपी नहीं दी जाती। ऑनलाइन एफआईआर देखने छत्तीसगढ़ पुलिस की वेबसाइट सिटीजन पोर्टल पर जाने से अधिकतम महिला संबंधी अपराधों को छुपाने का काम किया जा रहा है। केस सेंसिटिव बताकर मामले को दबा दिया जाता है। अपराधियों के नाम सार्वजनिक नहीं किया जाता। जिससे आसानी से प्रार्थी पक्ष पर दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है, और अपराधी खुलेआम बेखाैफ होकर घूमते नजर आ रहे हैं। संवेदनशील मामलों में यदि प्रार्थी महिला है तो महिला के नाम को छुपाया जा सकता है, लेकिन अपराधियों के नाम को छुपाना समझ से परे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि किस प्रकार प्रदेश में भाजपा की सरकार पुलिस के साथ मिलकर अपराधियों को संरक्षण प्रदान कर रहा है। प्रदेश के महासमुंद जिले के सिटी कोतवाली, सरायपाली, बसना, तुमगांव, पिथाैरा, खल्लारी, बागबाहरा, तेंदूकोना, सांकरा, बलाैदा, सिंघोड़ा थानों में पिछले अगस्त 2024 में अनगिनत ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं जो महिलाओं से संबंधित है, जिन्हें केस सेंसिटिव बताकर दबाने का प्रयास किया जा रहा है।