ग्रिड फेल होने से रात भर रहा पश्चिम इंदौर में ब्लैकआउट |
इंदौर - अपने हाथों अपनी ही पीठ थपथपाने वाली मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के दावे उसे समय धरे रह गए जब गुरुवार देर रात पश्चिमी इंदौर की कई कॉलोनियों में ब्लैक आउट हो गया। रात करीब 12:30 बजे जो बिजली गुल हुई तो सुबह करीब 9 बजे लौटी। वहीं बिजली कंपनी का 5 मिनट में फाल्ट रिमूव करने का दावा कितना सही साबित हुआ कि 5 घंटे भी फाल्ट रिमूव करने को कम पड़ गए। एक फॉल्ट ने ही बिजली कंपनी के हाईटेक टेक्नोलॉजी अपनाने के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी। यहां तक कि बिजली कंपनी के हर अधिकारी द्वारा बिजली जाने का अलग कारण बताया जाता रहा। यहां तक कि गुमास्ता नगर झोनल कार्यालय के कर्मचारी और मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम की ऑपरेटर भी बिजली जाने के अलग-अलग कारण बताते रहे। उधर, बिजली नहीं होने से लोग रात भर पोलो ग्राउंड स्थित कंट्रोल रूम और गुमास्ता नगर झोन कार्यालय पर फोन घन-घनाते रहे, लेकिन उन्हें कोई संतुष्टिकारक जवाब नहीं मिला।
जानकारी अनुसार बिजली कंपनी के गुमास्ता नगर झोनल कार्यालय और इसी ग्रिड से जुड़े सभी क्षेत्रों में रात करीब 12:30 बजे से ब्लैक आउट हो गया। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि संबंधित ग्रिड फेल हो गई। ग्रिड फेल होने से द्रविड़ नगर, स्कीम नंबर 71 सहित आसपास की कई कॉलोनी में अंधेरे का साम्राज्य फैल गया। लोगों ने बिजली जाने की शिकायत करने के लिए झोनल कार्यालय और हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन घन-घनाया, लेकिन कोई संतुष्टिकारक जवाब नहीं दे पाया कि बिजली कितनी देर में आ जाएगी। एक तरफ लाइट नहीं होना और दूसरी तरफ मौसम में गर्मी होने के कारण लोग सो नहीं पा रहे थे। वहीं मच्छरों ने भी रात भर लोगों को सोने नहीं दिया। आधी रात को गायब हुई बिजली सुबह 9 बजे के करीब लौटी है। बताया जा रहा है कि रात्रि कालीन शिफ्ट में मेंटेनेंस करने वाली टीम ग्रिड सुधार ही नहीं पाई। इस कारण सुबह जो शिफ्ट में कर्मचारी और अधिकारी पहुंचे उन्होंने उच्च अधिकारियों से सलाहकार ग्रिड में सुधार कार्य किया। तब जाकर बिजली लौटी।
बिजली कंपनी के सारे दावे खोखले साबित
गुरुवार देर रात गुल हुई बत्ती ने बिजली कंपनी के सारे दावे खोखले साबित कर दिए। बिजली कंपनी के अधिकारी जहां अपने हाथों से अपनी पीठ थपथपाते हुए बड़े-बड़े दावे कर हाईटेक टेक्नोलॉजी और उच्च गुणवत्ता का दावा करते हैं एक फाल्ट ने ही उसे झूठा साबित कर दिया। यहां तक की डिग्रीधारी इंजीनियरों की काबिलियत पर भी देर रात गई बिजली ने प्रश्न खड़े किए हैं।
कोई भी अधिकारी सही कारण नहीं बता पाया
देर रात से सुबह करीब 9 बजे तक बिजली गुल होने क्या कारण जानने के लिए वह बिजली कंपनी के विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों से चर्चा की गई लेकिन कोई भी अधिकारी सही कारण नहीं बता पाया। इसे दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि किसी भी अधिकारी ने बिजली जाने के सही कारण को बताना उचित नहीं समझा। खैर कारण कुछ भी रहा हो परेशन भारी भरकम बिजली का टैक्स चुकाने वाली जनता को ही होना पड़ा।