प्राचीन परंपरा से आधुनिक उत्सव तक, भाई-बहन के रिश्ते की विशेषता और इतिहास etihas Aajtak24 News

 

प्राचीन परंपरा से आधुनिक उत्सव तक, भाई-बहन के रिश्ते की विशेषता और इतिहास etihas Aajtak24 News 

रीवा - रक्षाबंधन का त्यौहार आदिकाल से जब से शास्त्रों की रचना हुई तब से आज विज्ञान के युग में रक्षाबंधन का विशेष उल्लेख है। रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के लोग बड़े हर्षोल्लास पूर्वक मनाते हैं  इसकी शुरुआत भविष्य पुराण के अनुसार राजा बलि विष्णु भगवान को लेकर पाताल लोक चले गए थे जहां विष्णु की पत्नी लक्ष्मी जी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधकर अपने पति को वापस लाया था उस समय से सत्यनारायण की कथा के दौरान रक्षा सूत्र हाथों में बांधा जाता है इसके बाद महाभारत काल में ऐसा उल्लेख मिलता है कि द्रौपदी ने श्री कृष्ण को रक्षासूत्र हाथ में अपनी साड़ी का टुकड़ा बांधा तथा श्री कृष्ण ने भाई का धर्म निर्वहन करते हुए द्रोपदी के चीर हरण के दौरान उनकी लाज बचाई इसके बाद शास्त्रों में ऐसा भी उल्लेख मिलता है की यमराज के हाथ में यमुना जी ने रक्षा सूत्र बांधा था और यमराज ने जमुना जी को अमर होने का वरदान दिया था ब्रिटिश काल में बंगाल विभाजन के दौरान रक्षा सूत्र का विशेष प्रचलन रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा राखी बांधकर एक देश और धर्म के रक्षा की शुरुआत की थी इसी तरह से रानी कर्णावती ने हुमायूं को पत्र लिखकर रक्षा सूत्र भेजा था जहां हुमायू ने रानी कर्णावती की मदद की थी इसकी शुरुआत विभिन्न इतिहास की किताबों में उल्लेख मिलता हैं रक्षाबंधन जहां पहले कच्चे सूत के धागे से हाथ में बांधा जाता था कल कालांतर से आधुनिक युग में यह राखी का प्रचलन सोने और चांदी से लेकर रेशम के धागे तक पहुंच गई विज्ञान के युग में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े धूमधाम से गरीब और अमीर वर्ग सभी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में जहां भी हिंदू हैं यह त्यौहार मनाया जाता है इस त्यौहार का सबसे बड़ा महत्व यह है बहने रक्षासूत्र कलाई में बांधने के बाद भाई बहन की रक्षा के लिए जीवन बलिदान भी कर देते हैं वर्तमान युग में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा रक्षाबंधन का त्यौहार बहनों में सन् 2024 में विशेष रूप से देखने को मिला जहां इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लाडली बहन योजना लागू करके हर बहनों के खाते में 1200 और 1500 सौ रुपए खाते में डाला गया यहां यह त्यौहार आज एक गरीब परिवार भी बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया रीवा जिले में यही कारण है। कि आज रक्षाबंधन के दिन हजारों कुंटल मिठाई की बिक्री हुई इसके साथ ही रक्षा सूत्र और वस्त्र और अन्य सामग्री अपने स्थिति के अनुसार बहनों को भाइयों द्वारा दिया गया जहां दूर-दूर से बहने भाई को राखी बांधने के लिए घर पहुंची आज रक्षाबंधन के दिन बहनों भाइयों का प्रेम देखा गया इसी तरह से पंडितों द्वारा अपने यजमानों को भी कलाई में रक्षा सूत्र बांधा गया इस त्यौहार पर सरकार की कुछ कमियां भी देखी गई जहां मिलावटखोरी काफी देखी गई। और गुणवत्ताविहीन मिठाइयां लोग खाने के लिए मजबूर हो गए सरकार ऐसी चीजों पर रोक नहीं लगा पाई की गुणवत्ता युक्त खाद्य सामग्रियों का विक्रय हो यहां उच्च वर्ग के लिए तो अच्छे स्तर की मिठाई अन्य चीज उपलब्ध होगी किंतु मध्य और निम्न वर्ग के लिए गांव से लेकर शहरों तक केवल मिठाइयों में मिलावट ही देखने को मिली सरकार को ऐसी चीजों पर त्योंहार पर यह विशेष ध्यान देना चाहिए कि ऐसे खाद्य पदार्थ पंजीकृत दुकानदार ही बिक्री करें और खाद्य सामग्रियों की जांच और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए ऐसा नहीं है कि इतने महत्वपूर्ण त्यौहार को खुशियों में मातम में परिवर्तित ना हो सके आज सरकार द्वारा यह भी छूट प्रदान की जाती है कि बहने जिनके भाई किसी भी कारण से जेल में हैं  वहां भी बहने भाई को रक्षासूत्र बांधने के लिए उन स्थानों पर पहुंच कर भी रक्षा सूत्र भाइयों के हाथ में बांधी और भाई की दीर्घायु और अपनी रक्षा का वचन लिया।






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