सिर्फ 2 इंच बारिश में ही डूब गया "इंदौर का विकास" vikash Aajtak24 News

 

स्मार्ट सिटी कंपनी और नगर निगम के दावे रह गए धरे


इंदौर- लंबे अंतराल के बाद इंदौर शहर में झमाझम बारिश देखने को मिली। शहरवासी ऐसी बारिश के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। सावन का महीना रिमझिम में बीतने के बाद भादौ शुरू होते ही देवराज इंद्र प्रसन्न हुए। इस दौरान दोपहर 12 से शाम तक कभी धीमा कभी तेज कुल मिलाकर 2 इंच के लगभग बारिश हुई। 2 इंच बारिश मात्र ने ही नगर निगम इंदौर और स्मार्ट सिटी कंपनी के विकास को डुबोकर रख दिया। एक बार फिर इस बारिश ने यह साबित किया कि शहर में किया जा रहा विकास बेतरतीब है। इसे यह भी कहा जा सकता है कि शहर के नेचर को समझे बगैर नगर निगम के इंजीनियरों ने विकास किया है, जिसका खामियाजा करीब डेढ़ दशक से शहरवासी भुगत रहे हैं। मात्र 2 इंच के लगभग हुई बारिश के कारण महूनाका चौराहा, कलेक्टोरेट चौराहा, विजय नगर क्षेत्र सहित लगभग संपूर्ण शहर की सड़क ऐसी प्रतीत हो रही थी कि मानों समुद्र सड़कों पर ही उमड़ आया हो। शहर में जिधर देखो उधर बस जल प्रलय की स्थिति दिखाई दी। कुछ क्षेत्रों में तो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानों कि यहां सड़कें न होकर गहरा नाला हो। एयरपोर्ट क्षेत्र और चंदन नगर क्षेत्र में तो घरों में पानी घुस गया। नगर निगम के पढ़े लिखे डिग्री धारी इंजीनियरों ने करोड़ों रुपए "लोकधन" खर्च कर शहर का ऐसा विकास किया है कि हर वर्ष बारिश में लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। बारिश के समय बारिश के पानी को निकालने के उपायों पर विचार किया जाता है और वर्षा काल समाप्त होते ही निगम अधिकारी और जनप्रतिनिधि इसे भूल जाते हैं। कहने का मतलब है कि सिर्फ वर्ष बदलता है हालत वही रहते हैं।




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