दोबारा इंदौर आने की जुगत बैठा रहे बिजली कंपनी अधिकारी, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे होने पर हाल ही में हुआ ट्रांसफर transfar Aajtak24 News


दोबारा इंदौर आने की जुगत बैठा रहे बिजली कंपनी अधिकारी, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे होने पर हाल ही में हुआ ट्रांसफर transfar Aajtak24 News 

इंदौर - मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का इंदौर कार्यालय वैसे तो घोटाले के लिए जाना जाता है। यहां आईपीडीएस जैसे सैकड़ों करोड़ों रुपए के भारी भरकम घोटाले सामने आए हैं। इस घोटाले में घिरे अधिकारियों में से अधिकांश को क्लीन चिट भी दी जा चुकी है। आईपीडीएस घोटाले सहित अन्य घोटालों की लोकायुक्त सहित अन्य जांच एजेंसी तक में शिकायत हो चुकी हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी के खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं हुई। बिजली कंपनी में घोटालों के आरोपों से घिरे एक आला अधिकारी को हाल ही में समीपस्थ जिले में ट्रांसफर कर दिया गया। अपनी ऊंची पहुंच और तगड़ी सेटिंग के बल पर ये आला अधिकारी दोबारा अब इंदौर स्थित कार्यालय में आने की जुगत लगा रहे हैं। बताया जा रहा है इसके लिए उन्होंने फिर से गोटियां बिठाना शुरू कर दी है। जानकारी अनुसार हाल ही में इंदौर से ट्रांसफर किए गए ये आला अधिकारी उच्च अफसरों से सेटिंग में माहिर हैं। इसके साथ ही लंबे समय से इंदौर में डटे रहने के कारण इनकी राजनीतिक पकड़ भी काफी मजबूत है। हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इन साहब को हाल ही में इंदौर कार्यालय से समीपस्थ जिले में ट्रांसफर कर दिया गया था। सूत्र बताते हैं कि अपने ट्रांसफर से नाखुश ये साहब दोबारा इंदौर आने की तैयारी में हैं। इसके लिए इन्होंने राजनीतिक दबाव प्रभाव के साथ ही उच्च अधिकारियों से भी तालमेल बैठना शुरू कर दिया है। सूत्र बताते हैं कि ये साहब अपना पुराना विभाग या शहर के सिटी सर्किल में पद स्थापना चाहते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि अपनी पदस्थापना के दौरान पूर्व में इन्होंने जमकर भ्रष्टाचार के समुद्र में गोते लगाए हैं। हालांकि इनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। 

बिजली कंपनी दफ्तर में ही होने लगी चर्चाएं 

सूत्रों की मानें तो जैसे ही इन साहब के इंदौर आने की बात सामने आई वैसे ही बिजली कंपनी के कार्यालय में ही तरह-तरह की चर्चाएं सामने आने लगीं। कुछ लोग इनके पुराने कारनामों को सामने लाने में लग गए हैं वहीं कुछ का कहना है कि इन साहब के इंदौर आने के बाद कहीं एक बार फिर बड़े घोटाले की कहानी न शुरू हो जाए। खैर, जो भी हो यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि क्या होता है। 

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