संयुक्त कलेक्टर ने किया गेहूं खरीदी केंद्र का औचक निरीक्षण nirikshan Aajtak24 News |
जबलपुर - पाटन तहसील की सेवा सहकारी समिति के गेहूं खरीदी केंद्र और अमित स्टोरेज वेयर हाउस का संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक नदीमा शीरी ने आकस्मिक जांच की। उनके साथ सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे भी मौजूद रहे। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर ने पाया कि गोदाम में 6743 क्विंटल गेहूं जमा है, जबकि खरीदी 4254 क्विंटल की ही की गई है। जब इस अतिरिक्त गेहूं की हैंडलिंग चार्जिंग और खरीदी संबंधित दस्तावेज की मांग की गई तो नहीं पाए गए। गेहूं खरीदी केंद्र पर लेबर व्यय का बैनर पोस्टर आदि भी नहीं पाया गया। उक्त गेहूं बिना खरीदी किए और बिना हैंडलिंग चालान जारी किए ही भण्डारित किया जाना पाया गया। गेहूं खरीदी केंद्र पर नोडल अधिकारी भी नहीं मिले। अनियमितताओं के फलस्वरूप समिति प्रबंधक कृष्ण कुमार गर्ग, कम्प्यूटर आपरेटर यशवंत सिंह, वेयर हाउस मैनेजर अमित अग्रवाल, मार्कफेड के सर्वेयर नब्बू सिंह और वेयर हाउस के गोदाम प्रभारी मनोज श्रीवास के विरुद्ध प्रकरण तैयार किया गया है। विस्तृत जांच में अन्य जो भी दोषी पाए जाएंगे। उनके उत्तर दायित्व का निर्धारण कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
Joint Collector conducted surprise inspection of wheat procurement center
Jabalpur - District Supply Controller Nadima Sheeri, Joint Collector and in-charge of Wheat Procurement Center and Amit Storage Warehouse of Seva Cooperative Society of Patan Tehsil, conducted a surprise check. Assistant Supply Officer Sanjay Khare was also present with him. During this, the Joint Collector found that 6743 quintals of wheat were stored in the warehouse, whereas only 4254 quintals had been purchased. When documents related to handling, charging and purchase of this additional wheat were demanded, they were not found. Banner, poster etc. of labor expenditure were also not found at the wheat procurement centre. The said wheat was found to be stored without purchasing it and without issuing handling challan. Nodal officers were also not found at the wheat procurement centre. As a result of irregularities, a case has been prepared against committee manager Krishna Kumar Garg, computer operator Yashwant Singh, warehouse manager Amit Aggarwal, Markfed surveyor Nabu Singh and warehouse in-charge Manoj Shriwas. Whoever else will be found guilty will be found guilty in the detailed investigation. After determining their responsibility, action will be taken as per rules.