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एक रिटायर आईएएस ऑफिसर ने राम मंदिर को दे दी जिंदगी भर की कमाई kamai Aaj Tak 24 news |
जांजगीर चापा - मध्य प्रदेश कार्डर के 1970 बैच के सेवानिवृत्त IAS अफ़सर आईएएस एस. लक्ष्मीनारायण अपनी जिंदगी की पूरी कमाई रामलला को सौप रहे हैं । वह अपनी पत्नी के साथ अयोध्या दर्शन के लिए आए थे। उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से अनुमति ली ।लक्ष्मीनारायण केंद्र सरकार में गृह सचिव रहे हैं । वे मूर्ति के सामने पांच करोड़ से तैयार 151 किलो की रामचरितमानस स्थापित करवाएंगे । 10,902 पदों वाले इस महाकाव्य का हर पन्ना तांबे का होगा, जिन्हें 24 कैरेट सोने में डुबोया जाएगा। स्वर्ण जड़ित अक्षर लिखे जाएंगे। इसमें 140 किलो तांबा और 7 किलो सोना लगेगा । इसके लिए IAS नारायणन ने अपनी सभी संपत्ति बेचने और बैंक खातों को खाली करने का फैसला किया हैं । चेन्नई के रहने वाले लक्ष्मीनारायण मध्यप्रदेश कैडर में वर्ष 1970 बैच के IAS अधिकारी हैं, जो अभी दिल्ली में रहते हैं। उनकी पत्नी सरस्वती गृहिणी और बेटी प्रियदर्शिनी अमरीका में हैं। वे भी प्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीबी अफसरों में शामिल रहे। इसके बाद कई निजी कंपनियों से जुडे़ रहे। उन्हें भारतवर्ष का गौरव अवार्ड भी मिल चुका हैं। मां लक्ष्मी की मन्नत से मिला नाम ।लक्ष्मीनारायण की मां ने दिल्ली के बिरला मंदिर यानी लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रार्थना की थी कि बेटा हुआ तो नाम लक्ष्मीनारायण रखेंगी। उनकी मन्नत पूरी हुई, मां ने नाम लक्ष्मीनारायण रखा। अब वे इसी नाम को सार्थक कर रहे। एस. लक्ष्मी नारायणन ने रामचरित मानस पुस्तक की जो परिकल्पना की है। उसे देश की जानी मानी कंपनी वुम्मिदी बंगारू ज्वैलर्स तैयार करेगी स्वर्ण जड़ित रामचरित मानस । इसी ज्वैलरी कंपनी ने नए संसद भवन में स्थापित सेंगोल (राजदंड) को तैयार किया। कंपनी ने स्वर्ण जड़ित रामचरितमानस का डिजाइन तैयार कर दिया। इसे बनाने में तीन महीने लगेंगे ।