ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का कारनामा ka karnama Aaj Tak 24 news

 

ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर का कारनामा ka karnama Aaj Tak 24 news 

शहडोल - ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार की गारंटी देने वाली महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम से जहां गरीब बेरोजगार लोगों को रोजगार की गारंटी दी जाती है। वहां शहडोल जिले की निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री एच आर कोष्टी ने एक ऐसा कारनामा कर दिया है जिसने शहडोल ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश को अंदर ही अंदर हिला दिया है। यह कारनामा खुद साहब ने किया है या किसी और के आदेश पर इस बात का खुलासा तो हम नहीं कर सकते हैं। लेकिन मामला बेहद गंभीर और संवेदनशील है जहां प्रशासन की स्पष्ट नियमों निर्देशों का पालन करना अधीनस्थ अधिकारियों की प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए वहां पर सभी आदेश और नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी स्वेच्छाचरिता और मनमाने रवैया अपना आकार मनरेगा के खाते से पैसा निकाला गया। जनचर्चाओं की माने तो रिटायरमेंट का पैकेज तैयार करने की मंशा से बड़ा कारनामा को अंजाम दिया गया है। मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्य के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के माध्यम से मध्य प्रदेश के सभी जिलों के लिए सामग्री खरीदी के लिए निर्धारित राशि का आवंटन किया जाता है। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ जिले के लिए आवंटित राशि को अपने सभी जनपद एवं निर्माण एजेंसियों को आदेशित करते हुए राशि निर्धारित और आवंटित की जाती है फिर सभी जनपद और निर्माण एजेंसी मनरेगा गाइडलाइन और आदेश के अनुसार पिछले भुगतान को क्लियर करने के बाद आगे के सामग्री भुगतान के बिल लगाकर मटेरियल सप्लायर वेंडर को पैसे दिए जाते हैं। लेकिन इस पूरी कवायद को दरकिनार करते हुए हमारे जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कोष्टी साहब ने एक अजब गजब और बड़ा कारनामा कर दिखाया है दरअसल अगस्त माह के अंत में मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल द्वारा प्रदेश के सभी जिलों को अलग-अलग सामग्री भुगतान के लिए राशि आवंटित की गई थी जिसमें शहडोल जिले को 1.99 करोड रुपए सामग्री भुगतान के स्पष्ट निर्देशों के साथ दिया गया। इस आदेश का पालन करते हुए जिला पंचायत सीईओ ने शहडोल जिले के पांचो जनपद,जल संसाधन,वन विभाग, और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को 25 लाख रुपए विभाग में हुए निर्माण कार्य में खरीदे गए सामग्री का भुगतान किए जाने के लिए आवंटित और निर्धारित किया गया। लेकिन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री ने भोपाल से लेकर जिला पंचायत सीईओ तक के सभी आदेश निर्देश और अनुशासन को दरकिनार करते हुए केवल शहडोल जिले के ही नहीं अपितु मध्य प्रदेश के सभी जिलों को प्रभावित करने वाली 4 करोड़ 68 लाख 96 हजार का अपने करीबी सामग्री सप्लायर वेंडर का बिल लगवाकर मनरेगा के नोडल खाते से पैसा निकाल लिया गया। जबकि आर ई एस विभाग के लिए जिला पंचायत सीईओ शहडोल ने सामग्री भुगतान के लिए मात्र 25 लाख रुपए निर्धारित किए थे।आर ई एस शहडोल ने ऐसा कर शहडोल जिले की पांचो जनपद और चारों निर्माण एजेंसियों के सामग्री सप्लायर लीगल वेंडर का हक ही नहीं मारा बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के सामग्री भुगतान पर ग्रहण लगा दिया। सूत्रों की माने तो कोष्टी साहब कुछ ज्यादा जल्दी में है क्योंकि उनका रिटायरमेंट बेहद नजदीक है और मनरेगा सामग्री की राशि नियमित रूप से नहीं आती है बल्कि उसमें कुछ लंबा गैप हो जाता है यदि जन चर्चाओं की माने तो साहब के अंडर में चल रहे करोड़ो रुपए के मनरेगा के बड़े निर्माण कार्य का सामग्री भुगतान अगस्त में आई 25 लाख रुपए की इंस्टॉलमेंट के बाद दोबारा उनके रिटायरमेंट के बाद आने वाली राशि में साहब के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होगी शायद ऐसी कवायत के चलते साहब ने सभी सप्लायर और भोपाल के मनरेगा आयुक्त एवं जिला पंचायत सीईओ के स्पष्ट निर्देश के बाद भी ऐसा कदम उठाया होगा । गौरतलब है इस पूरे मामले पर पूर्व जिला पंचायत सीईओ द्वारा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री कोष्टी साहब को कारण बताओं नोटिस देकर तीन दिवस में जवाब तलब किया गया था। इस जवाब तलब में वर्तमान जिला पंचायत सीईओ एवं भोपाल के आला अधिकारियों द्वारा क्या कदम उठाए जा रहा है इसके संबंध में हमारे द्वारा शहडोल कलेक्टर को कई बार फोन करने के बावजूद कलेक्टर मैडम का जवाब नहीं मिला एवं मनरेगा आयुक्त को व्हाट्सएप के माध्यम से जब जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो अभी कुछ भी जवाब लिखित रूप से हमें नहीं मिला है। बहरहाल मामला बेहद गंभीर और संवेदनशील है क्योंकि प्रशासनिक व्यवस्था में अनुशासन और वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य कहलाता है जहां पर सभी निर्देश और आदेशों को दरकिनार करते हुए स्वेच्छाचारिता मनमाना रवैया अपनाया जाना गंभीर जांच का विषय है। जिला पंचायत में ऑपरेटर भर्ती पर खड़े हुए सवाल ज्वाइंट कमिश्नर एंटी इवेजन ब्यूरो जबलपुर की टीम शहडोल में कर रही छापेमारी

Comments

Popular posts from this blog

सरपंचों के आन्दोलन के बीच मंत्री प्रहलाद पटेल की बड़ी घोषणा, हर पंचायत में होगा सामुदायिक और पंचायत भवन bhawan Aajtak24 News

पंचायत सचिवों को मिलने जा रही है बड़ी सौगात, चंद दिनों का और इंतजार intjar Aajtak24 News