ओरिएंट पेपर मिल हादसा, जर्जर थी पाइप लाइन और खस्ताहाल पर टैंक par tank Aaj Tak 24 news |
शहडोल - बीते बुधवार को ओरियंट पेपर मिल में हुए हादसे के बाद फैक्ट्री के भीतर के ऐसे तमाम सच सामने आ रहे हैं जिससे समूचे प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि इस घटना के पीछे के सच की बात करें तो जिस स्थान पर यह हादसा हुआ इसी स्थान से ऐसी तमाम खामियां थी जिस पर प्रबंधक के जिम्मेदार अधिकारी शायद ही कुछ कह सकें। जानकारी के मुताबिक जिस टैंक में या हादसा हुआ‚ वहां पर हादसा बड़ा भी हो सकता था‚ चूंकि हादसे का वक्त सुबह 9:00 बजे के लगभग था‚ उस समय उस स्थान पर सभी कर्मचारी नहीं आ सके थे ‚ इसलिए इस हादसे की चपेट में अन्य कर्मचारी आने से बच गए। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर यह हादसा हुआ उस स्थान पर काम करने वाले कर्मचारी में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो इस पल्प टैंक के इस कार्य से जुड़े थे और इसमें निपुण थे‚ लेकिन कुछ माह पूर्व ही इसमें से कुछ कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था और उन्हें लगभग 4 माह बीत जाने के बाद भी बहाल नहीं किया गया ‚ इस स्थिति में इस स्थान पर ऐसे अर्धकुशल व ठोका कर्मचारी कार्यरत थे जिन्हें न तो उसे स्थान पर कार्य करने की पूरी जानकारी थी और ना ही वह उसे स्थान के खस्ताहाल व्यवस्था से वाकिफ थे‚ जिसके कारण रविंद्र त्रिपाठी इस दुर्घटना के शिकार हो गए । ओपीएम फैक्ट्री के अंदर जिस पल्प टैंक में यह घटना हुई उस घटना का अंदेशा वहां पर लंबे समय से कार्य कर रहे कर्मचारियों को पहले से ही था । पल्प स्टोर करने के ऐसे कई टैंक है जिनकी हालत खस्ताहाल है। उनकी मरम्मत की आवश्यकता है और इसकी जानकारी भी वहां काम करने वाले कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को पूर्व में दे चुके थे‚ लेकिन समय रहते प्रबंधक ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया और यह दुर्घटना सामने आ गई । बीते लंबे समय से निलंबित कई कर्मचारी इसी सेक्शन से ताल्लुक रखते थे‚ जिनकी शिकायत पर प्रबंधक ने संज्ञान लेने की जगह उन पर ही कार्यवाही कर दी। मरम्मत के लिए भारी भरकम राशि हुई है जारी बताया जा रहा है कि लगभग 4 माह पूर्व फैक्ट्री के मरम्मत आदि जैसे तमाम कार्यों के लिए बिडला ग्रुप द्वारा लगभग 475 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। जिन कार्यों के लिए एक प्लान भी तैयार किया गया और बीते कुछ दिनों से इसका कार्य भी प्रगति पर है लेकिन फैक्ट्री के अंदर इस राशि के बंदरबाट में प्रबंधन के कुछ जिम्मेदार अधिकारी लिप्त है‚ जिससे जहां एक तरफ मरम्मत के कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार जारी है वही हो रहे कार्यों कि गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ओपिएम में तैनात महाप्रबंधक आलोक श्रीवास्तव के मनमानी रवैये से जहां लगातार कंपनी के भीतर कार्यरत कर्मचारियों के बीच बिडला ग्रुप की साख खराब हो रही है वही कंपनी को भी लाखों करोड़ों का नुकसान हो रहा है।