उमरिया के तात्कालिक सचिव के खिलाफ ग्रामीणों एवं सरपंच के द्वारा कलेक्टर को शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया kiya gaya Aaj Tak 24 News


 उमरिया के तात्कालिक सचिव के खिलाफ ग्रामीणों एवं सरपंच के द्वारा कलेक्टर को शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया kiya gaya Aaj Tak 24  News

शहडोल -  आदिवासी बहुल क्षेत्र जिले में जहां सरकार ने चौमुखी विकास के लिए करोड़ों रुपए की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का पैगाम प्रशासन के जिम्मा दिया है वही संभाग के संभाग आयुक्त के संज्ञान में आने के पश्चात भी ग्राम पंचायतों एवं पंचायत ग्रामीण विकास के कार्यशैली पर सुधार दिखाई नहीं दे रहा है। मामला  शहडोल जिले के समीप जनपद पंचायत गोहपारू अंतर्गत ग्राम पंचायत उमरिया के  तात्कालिक सचिव अजीत पाठक के खिलाफ ग्रामीणों एवं तात्कालिक सरपंच के द्वारा कलेक्टर एवं संभाग आयुक्त कमिश्नर के पास वित्तीय अनियमितता निर्माण कार्य की जांच कराने का शिकायत पत्र प्रस्तुत किया गया था संभाग आयुक्त के निर्देश में जनपद स्तर पर 3 सदस्य टीम गठन कर जांच का आदेश दिया गया था तात्कालिक पंचायत स्पेक्टर राम रतन शर्मा रानी महोबिया सीता शरण शुक्ला उपयंत्री के मार्गदर्शन में जांच पूर्ण हुआ जांच पश्चात जांच दल के साथ ऐसा क्या मामला हुआ जिससे वह अपना जांच प्रतिवेदन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत  गोहपारू को नहीं सौंपा गया तात्कालिक संभागायुक्त के निर्देश के पश्चात भी पंचायत में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ राम नरेश अहिरवार एवं सरपंच की गुहार को नहीं सुना गया ना ही  सचिव को ग्राम पंचायत से हटाया गया सूत्रों की माने तो तात्कालिक सचिव के भ्रष्टाचार के कहानी ग्राम पंचायत बरकोड़ा ग्राम पंचायत  भूरसी के पूर्व विधायक सुंदर सिंह से सुने एवं ग्राम पंचायत उमरिया के कार्यकाल पर एक नजर डाला जाए तो यह पता चलेगा कि तत्कालिक सचिव को वर्ष सन 2011 मे न्यायालय कलेक्टर महोदय के प्रकरण क्रमांक3391/ बी121/2009 आदेश दिनांक26/02/2011 को पारित आदेश दिनांक11/04/2014 पश्चात  पद से पृथक कर दिया गया था तत्पश्चात संभागायुक्त  न्यायालय  प्रकरण क्रमांक233 विरुद्ध अपील प्रस्तुत किया गया कमिश्नर शहडोल न्यायालय ने प्रकरण को खारिज कर दिया गया था इसके पश्चात भी तात्कालिक जिला पंचायत सीईओ एवं तात्कालिक मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोहपारू संतोष पटेल  द्वारा किस आदेश के तहत सेवा में रखा गया यह बात तात्कालिक जिम्मेदार अधिकारी ही बता पाएंगे माननीय उच्च न्यायालय के   स्थगन  आदेश की हवाला देते हुए प्रभाव से हटाए गए सचिव शासन के नियम कानून को ताक में रखकर नौकरी करता है इसका भी जिम्मा अधिकारियों का  है देखना यह होगा कि ग्राम पंचायत उमरिया में पदस्थ सचिव अजीत पाठक के कार्यशैली से ग्राम पंचायत के पंच हेतराम अहिरवार  एवं ग्रामीण सरपंच श्रीमती फुलमतिया बैगा सहित कलेक्टर के दरबार में शिकायत लेकर एक बार न्याय का गुहार लगाया है ग्रामीणों को न्याय कैसे मिलता है और कब मिलेगा इसकी भी जिम्मेदारी जिले के संवेदनशील कलेक्टर श्रीमती वंदन  वैद्य की होगी ग्राम पंचायत के शिकायतें जनपद से हो जाता है गोलमाल जनपद पंचायत गोहपारू भले ही अपने कार्यशैली से अपना साख बचाने के लिए जद्दोजहद करता रहा  लेकिन सुशासन व्यवस्था के राग अलापने वाले अधिकारी शिकायतकर्ता के शिकायत पत्र को भी जनपद कार्यालय से गोलमाल कर दिया जाता है यह मामला कोई नया नहीं है जब से ग्राम पंचायत के सचिव के ऊपर अधिकारियों का संरक्षण एवं राजनेताओं का दबदबा  कायम है तब तक भ्रष्टाचार के पटकथा ग्राम पंचायत उमरिया में बैठकर लिखते रहेंगे राष्ट्रीय महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना से रोजगार सहायक एवं ग्राम पंचायत सचिव अपना एक अलग व्यवसाय संचालित करते हैं इस मामले पर वर्तमान जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वेद मणि मिश्रा से बात किया गया तो जांच के संबंध में उन्होंने आश्वस्त किया कि तत्काल प्रभाव के साथ जांच प्रतिवेदन  संभागायुक्त आयुक्त को भेजा जाएगा चुनाव पश्चात अब तक नहीं हुआ ग्राम पंचायत में ग्राम सभा एवं मासिक बैठक उपसरपंच देवीदीन  अहिरवार एवं पंचों के सूत्रों के माध्यम से अभी तक ग्राम सभा का आयोजन नहीं किया गया परम पूरा करने के लिए भले ही ग्राम सभा के नाम पर घर-घर जाकर ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा हस्ताक्षर कराया जा रहा हूं यह एक अलग मामला है कि ग्राम पंचायत में शासन के राशि को दुरुपयोग करने के लिए फर्जी बिल और फर्जी फर्म का उपयोग कर कार्य को विकास की मार्ग पर दिखा रहे।




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