मंत्री विधायक के आदेशों का 1 साल में नहीं हुआ पालन hua palan Aaj Tak 24 News

 


मंत्री विधायक के आदेशों का 1 साल में नहीं हुआ पालन hua palan Aaj Tak 24 News
शहडोल - जिला पंचायत संविदा लेखा अधिकारी अशोक शुक्ला न केवल पूरे ग्रामपंचायतों की फिजा बिगाड़े हुए हैं, बल्कि मनरेगा कर्मी होने के बावजूद उन्हे नियमविरुद्ध खनिज प्रतिष्ठान योजना का प्रभारी बना दिया गया है। यह सुविधा उन्हे किस विशेष प्रयोजन से प्रदान की गई है यह समझ के परे है। जबकि इनके भ्रष्ट आचरण कोलेकर विधायक जयसिंह मराबी भी शासन का ध्यान आकृष्ट करा चुके हैं। यही नहीं मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद कार्यपालन यंत्री एसएल निमजे ने भी इन्हे अन्यत्र स्थानांतरित करने का निर्देश दे चुके हैं। लेकिन एक साल से अधिक समय बीत गया आज तक उनके निर्देश का पालन नहीं किया गया। इसी तरह का  पत्र प्रभारी मंत्री राम खेलावन पटेल ने भी लिखा था लेकिन जिला प्रशासन के बडे अफसर कलेक्टर ने सबको झाड़ पोंछ कर किनारे रख दिया है। अशोक शुक्ला जिले की अधिकांश ग्रामपंचायतों में जांच पड़ताल के नाम पर हस्तक्षेप कर भ्रष्ट सरपंच व सचिव को राहत प्रदान करने के नाम पर उनसे साठंगाठ  कर न केवल लम्बी रकम वसूलते हैं बल्कि वे सरपचं, सचिव उपयंत्रियों के प्रश्रयदाता बने हुए हैं। वे उनकी कारस्तानियों का खुलासा कर उन्हे दण्डित कराने और प्रशासनिक प्रक्रिया को शुचितापूर्ण बनाने की बजाय अपना काला बजार चलाते हैं। यही नहीं अनावश्यक रूप से भी जांच का भय दिखाकर ग्रामपंचायतों में वसूली का प्रयास करते हैं। इसी आशय की शिकायत विधायक जयसिंह मराबी ने 5 अप्रैल 22 को पत्र लिखा था उन्होने यह भी लेख किया था कि इनके द्वारा लगातार भ्रष्ट और अनियमिततापूर्ण आचरण किया जा रहा है। इन पर अंकुश लगाया जाए और इन्हे खनिज योजना मद के प्रभार से मुक्त किया जाए। मप्र रोजगार गारंटी परिषद 3 जून 2072 के पत्र के माध्यम से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मनरेगा अंतर्गत संविदा कर्मियों को मनरेगा कार्यक्रमों के अतिरिक्त अन्य किसी योजना अथवा किसी कार्यक्रम का प्रभार नहीं सौंपा जाए। उक्त आदेश का उल्लंघन किसी भी स्थिति में नहीं किया जाए, ताकि मनरेगा के कार्य प्रभावित नहीं हों। इतने स्पष्ट और कड़े निर्देश के बावजूद कलेक्टर द्वारा श्री शुक्ला को मनरेगा संविदा लेखा अधिकारी होनें के बावजूद खनिज प्रतिष्ठान योजना का प्रभारी बना दिया गया है। बताया गया कि जिला प्रशासन उनकी सेवाओं से अभिभूत है और वह उनके मामले में नियमों को देखना जरूरी नहीं समझता है। एसएल निमजे कार्यपालन यंत्री मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने 26 दिसंबर 22 को कलेक्टर/ जिला कार्यक्रम समन्वयक के नाम पत्र लिखा था कि अशोक शुक्ला लेखा अधिकारी संविदा जिला पंचायत  शहडोल के विरुद्ध अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायतों के आधार पर हटाए जाने एवं जिले से अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए। इस संबंध में राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने परिषद को 4 दिसंबर 22 को पत्र लिखा था। शिकायतों में अनियमितता भ्रष्टाचार की जांच जिला स्तर पर दल गठित कर जांच कराई जाए और प्रतिवेदन अपने अभिमत सहित सात दिवस में उपलब्ध कराएं ताकि प्रकरण के संबंध में राज्य मंत्री को अवगत कराया जा सके। लेकिन परिषद कार्यपालन यंत्री के पत्र पर आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी है। अशोक शुक्ला को हटाने और उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए विधायक, प्रभारी मंत्री और प्रदेश मनरेगा परिषद के कार्यपालन यंत्री तक एक साल से लिख रहे हैं लेकिन आज तक कलेक्टर ने कोई सुनवाई नहीं की। श्री शुक्ला आज भी अपने पद पर कायम हैं और उसी तरह भ्रष्टाचार के किस्से गढ़ रहे हैं। इस संविदा का कर्मी का पाया इतना मजबूत है कि इसे प्रभारी मंत्री भी नहीं हिला पा रहे हैं। जिला प्रशासन को शायद भ्रष्ट कर्मचारी ही आवश्यक प्रतीत हो रहे हैं। इसी कारण कई मामलों में श्री शुक्ला भ्रष्टाचारियों को संरक्षण प्रदान कर रहे हैं।

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