विरागोदय महामहोत्सव के अंतिम दिवस राजनेतिक संगोष्ठी के साथ आचार्य श्री108 विनम्र सागर जी मंगल विहार जतारा के लिए mangal vihar jetara ke liye


विरागोदय महामहोत्सव के अंतिम दिवस राजनेतिक संगोष्ठी के साथ  आचार्य श्री108 विनम्र सागर जी मंगल विहार जतारा के लिए  mangal vihar jetara ke liye 

दमोह -15 दिवसीय विरागोदय महामहोत्सव के अंतिम दिवस प्रातः काल मे मंदिर में विराजमान गगन उतंग जिनालय में विराजित 31 फुट श्री 1008 धर्म नाथ भगवान एवं 27-27फिट की भगवान आदिनाथ एवं महावीर की मूर्तियां का महामस्तकाभिषेक सैंकड़ों भक्तों द्वारा आनंद के साथ संम्पन्न हुआ।साथ ही विरागोदय तीर्थ में दोपहर के सत्र में राजनैतिक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन भी हुआ जिसमें शैलेन्द्र जैन विधायक सागर,प्रमोद बारदाना,कपिल दुबे के संयोजकत्व मव हुई जिसमें उन्होंने सभी दलों के कई बड़े नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटैल ने गुरुदेव के चरणों में श्री फल समर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।समिति के अध्यक्ष नरेंद्र जैन गुरुकृपा, महामंत्री सत्यपाल श्रवण ,अरुण जी कोडरिया, संजीव जैन नेता जी,राजेश कुबेर,सुनील सराफ, योगेश चौधरी आदि ने मंत्री जी का स्वागत किया प्रसस्ति एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया।वही पथरिया विधानसभा की विधायक रामबाई सिंह परिहार ने भी अपने गुरुदेव के प्रति भाव व्यक्त साथ ही कहा पथरिया का नाम विरागोदय के नाम से करने के लिए विधानसभा में प्रयास करेंगी।साथ ही पूर्व कृषि मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया, रंजीत गौरव पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष, श्री मति मंजुलता धर्मेंद्र कटारे,पूर्व विधायक सुनील जैन,शिवचरण पटैल, नरेंद्र व्यास,कपिल शुक्ला,भरत यादव समेत नगर परिषद की अधिकारी ज्योति सुनेरे,एस डी ओ पी,नायब तहसीलदार दीपा भार्गव समेत नगर परिषद के अध्यक्ष सुंदर विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष युवानेता कपिल दुबे समेत अन्य सेंकडो गुरुभक्तों की उपस्थिति हुई  गणाचार्य द्वारा रचित महाकाव्य जिसमे 5 खण्डों में 55 अध्याय,1350 कविताएं एवं 1000 पेज है।गुरुदेव ने अपने प्रवचनों में कहा संत धर्मनीति,और मानवता की शिक्षा के साथ राजनीति की भी शिक्षा देती है। आचार्य विमर्श सागर जी का मंगल विहार विरागोदय से दमोह की ओर हुआ जहां आचार्य विमर्श सागर जी ससंघ अपनी गुरु की चरण वंदना एवं प्रक्षलन कर विहार का निवेदन किया।गौरतलब हो कि बड़ी प्रतिमाओं का महामस्तकाभिषेक आगामी आदेश तक जारी रहेगा।गुरुदेव ने सभी महोत्सव के सहयोगियों की प्रसंसा व्यक्तकर मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।

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