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Mp abdikari karmachari sayukt morcha ne mukhayamantri or mukhya sachiv ke nam sopa gypan |
शहडोल - मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आज शुक्रवार की शाम कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन के नाम ज्ञापन सौंपा है। जिसमें विभिन्न मांगें शामिल हैं, जिनका निराकरण जल्द से जल्द करा जाने की बात कही गई है।ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि, भारत में मध्य प्रदेश ऐसा इकलौता राज्य बन गया है, जहां पिछले 6 वर्षों से प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई है। जिससे प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारियों में दिन प्रतिदिन निराशा बढ़ने से शासकीय कार्यों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही सरकार के प्रति कर्मचारियों का आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।ज्ञापन सौंपने के दौरान बीपी तिवारी, रामलाल पाण्डेय, अखिलेश्वर पाण्डेय, रवि शुक्ला, सुरेश पाण्डेय, के पी मिश्रा, अख्तर हुसैन, आरपी सिंह, राजेंद्र सोनी, राजेश निगम, जे पी गर्ग, रामावतार गर्ग एवं अमित सिंह सहित कई अन्य उपस्थित रहे। यह 24 मांगे हैं शामिल मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू की जाए। प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नति या अति शीघ्र प्रारंभ हो। अधिकारी कर्मचारियों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए एरियर्स का भुगतान किया जाए। लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समय मान वेतन दिया जाए। सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ, पदोन्नत वेतनमान के अनुसार दिया जाए। नए शिक्षा संवर्ग (राज्य शिक्षा सेवा) में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक (शिक्षा कर्मी, संविदा शिक्षक, गुरुजी) के पद पर नियुक्ति के दिनांक से करते हुए वरिष्ठता के आदेश जारी करते हुए क्रमोन्नति का लाभ दिया जाए। कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, संविदा एवं स्थाई कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों के विरुद्ध नियमितीकरण करने के उपरांत, शेष पदों पर सीधी भर्ती की जाए एवं विभागाध्यक्ष को अपने विभाग में उपरोक्त कर्मियों को नियमितीकरण के अधिकार दिए जाएं और तृतीय श्रेणी/चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउटपोस्ट से भर्ती पर रोक लगाए जाने के साथ कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण का लाभ दिया जाए। सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं हेड मास्टर को समयमान वेतनमान के आदेश के उपरांत, वरिष्ठता और योग्यता के आधार पर पदोन्नति पदनाम दिया जाए एवं ग्रेड पे में सुधार किया जाकर अर्जित अवकाश नकदीकरण की सीमा को 300 दिवस का आदेश हो। अधिकारियों कर्मचारियों सहित पेंशनरों निगम मंडल इत्यादि में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 5 अप्रैल 2020 के संदर्भ में किया जाए। इन अधिकारी एवं कर्मचारियों का भत्ता व अन्य भत्ते सातवें वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के सम्मान दिया जाए। भारत एवं छत्तीसगढ़ सरकार की भांति मध्यप्रदेश के वे कर्मचारी जो पांचवे वेतन में 1 जनवरी से 30 जून के मध्य वेतन वृद्धि प्राप्त करते थे, उन्हें एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ मिले। पंचायत सचिव एवं स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ मिले। प्रदेश के पटवारियों का ग्रेड पे 2800 किया जाए। वन विभाग के कर्मचारियों को बिना जांच के अपराध प्रकरण में कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगों का शीघ्र निराकरण किया हो। वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जाए एवं पदनाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णता प्रतिबंध लगे। निर्माण विभाग में तृतीय समयमान वेतनमान प्राप्त करने के लिए विभागीय परीक्षा की बाध्यता समाप्त कर, अन्य विभागों की भांति तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए। भृत्य का पदनाम परिवर्तित कर कार्यालय सहायक किया जाए। आयुष विभाग के कर्मचारियों की नैतिक मांगों का निराकरण शीघ्र हो। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं कोटवारों को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार नियमित वेतनमान ग्रेजुएटी और पेंशन बेनिफिट मिले। प्रदेश के सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर, नियमों का सरलीकरण करते हुए 3 वर्ष में सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता में संशोधन कर, पूर्व नियमों के अनुसार सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाए एवं सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जाए। अतिथि शिक्षक एवं अतिथि विद्यालयों को नियमित किया जाए एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए। आशा कार्यकर्ताओं को 10000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाए। परामर्श दात्री समिति की विभिन्न स्तरों पर होने वाली बैठकर शीघ्र प्रारंभ हों।
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