Ab Damoh me afrikan swain fiwar ka kahar hajaro paltu suwar ki mot Aaj Tak 24 news
Ab Damoh me afrikan swain fiwar ka kahar hajaro paltu suwar ki mot Aaj Tak 24 news |
दमोह - जिले में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। हटा के बाद जबेरा ब्लॉक के बनवार क्षेत्र में और अब दमोह शहर में भी सैकड़ों पालतू सूअरों की मौत हो चुकी है। हालांकि दमोह के सूअरों के मौत का कारण प्रमाणिक तौर पर स्पष्ट नहीं है, क्योंकि यहां के मृत हो चुके सूअरों की सैंपलिंग नहीं की गई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि अचानक हो रही सूअरों की मौत अफ्रीकन स्वाइन फीवर के कारण ही हो रही है। मंगलवार को शहर के अस्पताल चौराहे के पास कैदो की तलैया के किनारे रहने वाले बंशकार समाज के दर्जनों लोग सामने आए, जिन्होंने बताया कि उनके हजारों सूअरों की मौत हो चुकी है। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी थी, तो उन्होंने कहा कि जो सूअर मृत हो चुके हैं उन्हें कहीं एकांत पर ले जा कर फेंक दो। सभी लोग अपने मृत सूअरों को लेकर एकांत में पहाड़ी पर फेंक कर आ गए। उन्हें नहीं पता कि अचानक उनके सभी सूअरों की मौत कैसे हो रही है। एक महिला सोना बंशकार ने बताया कि उसके 10 सूअरों की मौत हो गई है जिन्हे पहाड़ी पर फेंक दिए हैं। करीब डेढ़ लाख का नुकसान हुआ है। गुलबासिया बंश्कार ने कहा कि उनके परिवार का यही गुजारा है। गुटईं बंशकार ने बताया कि उसके 17 सूअरों की मौत हो गई है। करीब दो लाख का नुकसान हुआ है। उसने बताया कि उसके पूरे मोहल्ले में करीब 3000 सुअर मृत हुए हैं। अब वह चाहते हैं कि सरकार उनकी मदद करें और उन्हें मुआवजा दे। पशु संचालक डॉक्टर नरेंद्र गुप्ता का कहना है कि इस समय वह बनवार में सूअरों की ट्रेसिंग कर रहे हैं, क्योंकि यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है। दमोह में जो सूअरों की मौत हुई है उसकी जानकारी उन्हें भी मिली है। यहां के बाद वह उस क्षेत्र में जाएंगे और वहां पर परीक्षण करेंगे और सैंपल जांच के लिए भेजेंगे। हटा में सबसे पहले हुई थी पुष्टि बता दें कि 27 दिसंबर को हटा में कुछ पालतू सुअर की अचानक मौत हुई थी, जिनके सैंपल पशु चिकित्सा विभाग ने भोपाल भेजे थे। जांच के बाद उनमें अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने उस क्षेत्र में जाकर 1 किलोमीटर एरिया के सभी 150 सुअरों को केमिकल देकर मार दिया था और उन्हें जमीन में दफना दिया था। इसके बाद बनवार में खबर मिली थी, तो वहां के सूअरों के सैंपल लिए थे। फिलहाल बनवार क्षेत्र में कार्रवाई चल रही है।इंसानों में नहीं फैलता है इसका संक्रमण पशु चिकित्सा विभाग उप संचालक पशु नरेंद्र गुप्ता का कहना है कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर केवल सूअरों में ही फैलता है। यह संक्रमण इंसानों को संक्रमित नहीं करता है। उन्होंने कहा कि यदि दमोह का कोई भी सुअर किसी दूसरे जिले के सूअरों के पास भी पहुंच जाएगा तो वहां के सभी सूअर संक्रमित हो जाएंगे, लेकिन इंसानों पर इस संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए लोगों को पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है।
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