सभ्य समाज में महिला और पुरुषों को समानता का दर्जा होना चाहिए । Rajya ki khabar

 

सभ्य समाज में महिला और पुरुषों को समानता का दर्जा होना चाहिए ।  Rajya ki khabar 

मंडलेश्वर - सभ्य समाज में महिला और पुरुषों को समानता का दर्जा होना चाहिए । तभी कोई  समाज सभ्य माना जायेगा और जिस देश में सभ्य समाज निवास करता है वह देश विकसित देशों की श्रेणी में आता है ।उक्त बाते जिला न्यायाधीश एवम विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नरेंद्र पटेल ने  " पी एल वी हेतु जेंडर एवम सकारात्मक मर्दानगी " विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही । बाल विवाह एवम बच्चों के विरुद्ध हिंसा रोकथाम एवम किशोर /किशोरी सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत  ममता  एच आय एम सी   यूनिसेफ  ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया था । प्रशिक्षण के दौरान यूनिसेफ के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर अमित शिंदे ने बताया की । लिंग प्राकृतिक होता है लेकिन उसका जेंडर समाज तय करता है । हमारी सोच समाज के अनुसार ही काम करती है ।यदि कोई लड़की जोखिम भरे कार्य करती है तो समाज उसे स्वीकार नहीं करता है । महिलाएं आम तौर पर खाना अच्छा बनाती है इसलिए हमारे समाज  ने यह तय कर दिया है की महिलाएं ही खाना बनाएगी पुरुष बाहर का कार्य करेंगे । जबकि पुरुष भी घर का काम कर सकते है और महिलाएं बाहर का ।  कोई भी लड़की अपना कार्य  बदल सकती है याने वो महिलाओ वाले कार्य नही कर पुरुषों वाले कार्य कर सकती है । महिलाएं जब पुरुषों के साथ पुरुषों वाले कार्य करती है तो कहा जाता है की "महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा लगाकर कार्य कर रही है " लेकिन जब पुरुष महिलाओ वाले कार्य करता है तब भी यह कहना चाहिए की " Let's भी महिलाओ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहा है  आज महिला और पुरुषों के बीच समानता का वातावरण बन रहा है । यह नही कहा जा सकता है समानता में हम बहुत पीछे है एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे जिले में ही  पहली कक्षा में भर्ती होने वाली दस बेटियों में से मात्र चार बेटियां ही अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी कर पाती है यह चिंता का विषय है । दूसरी ओर हम यदि बुरी आदतों और नशे की बात करे तो  स्वास्थ्य विभाग की 2022की रिपोर्ट के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में से 7 प्रतिशत बालक और 13 प्रतिशत बालिकाएं तंबाखू उत्पादों का सेवन कर रहे है ।  कार्यशाला में  पैरालिगल वालेंटियर्स दुर्गेश कुमार राजदीप , जोजू एम आर , राजेश पवार , श्रीमती मैरी जोजू , विधि कोठारी , अकील खान , देवदत्त एक्कल , जितेंद्र सेन , सोनू शाह ,  अंजली कर्मा ,रानी यादव , रींकू पाटिल , उर्वशी वर्मा , सुनीता भालसे , सहित विधि के छात्र एवम पी एल वी उपस्थित रहे । नालसा की योजनाओं की दी जा जानकारी कार्यशाला के समापन अवसर पर जिला न्यायाधीश नरेंद्र पटेल ने राष्ट्रीय विधिक सेवा की महत्वपूर्ण  योजनाओं की जानकारी दी ।  तस्करी और यौन शौषण के विरुद्ध विधिक सेवा  , संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए , बच्चो से मैत्रीपूर्ण संबंधों हेतु , बाल तस्करी रोकने हेतु , मानसिक विकलांग हेतु विधिक सेवा , गरीबी उन्मूलन योजना , वरिष्ठ नागरिकों के लिए योजना , एसिड अटैक पीड़ित महिलाओ के लिए विधिक सहायता एवम पीड़ित प्रतिकार योजना की के बारे में जिला न्यायाधीश ने जानकारी दी ।

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