गांधी सागर बांध पर मंडरा रहा है खतरा लाखों लोगों की जान आफत में | Gandhi sagar bandh par mandra rha hai khatra lakho logo ki jaan aafat me

 *गांधी सागर बांध पर मंडरा रहा है खतरा लाखों लोगों की जान आफत में कारम डैम के बाद अब क्या गांधी सागर बांध पर खतरा कैंग की रिपोर्ट के बाद हड़कंप*

गांधी सागर बांध पर मंडरा रहा है खतरा लाखों लोगों की जान आफत में | Gandhi sagar bandh par mandra rha hai khatra lakho logo ki jaan aafat me 

नीमच डॉ बबलु चौधरी


 धार के कारम डैम के बाद अब क्या मंदसौर के गांधी सागर बांध की बारी है. कैग की रिपोर्ट तो यही कह रही है कि बांध पर संकट है*.

*2019 में आयी भीषण बाढ़ ने बांध को काफी नुकसान पहुंचाया है. कैग की रिपोर्ट के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है और सर्वे के लिए 10 टीम बना दी गयी हैं. अगर बांध पर आंच आयी तो इसके कारण करीब 40 लाख की आबादी खतरे में पड़ जाएगी

मध्यप्रदेश के मंदसौर में चंबल नदी पर बना गांधी सागर बांध कैग की रिपोर्ट के अनुसार खतरे में है. 2019 में आई भीषण बाढ़ के बाद गांधी सागर बांध की बालकनी के ऊपर से पानी छलक पड़ा था. बांध का पावर हाउस भी पूरी तरह से ठप हो गया था. बांध की परिधि में रहने वाले लोगों और यहां पर होने वाली गतिविधियों के ऊपर भी जब प्रश्नचिन्ह खड़े हुए तो प्रशासन जागा और अब वहां पर तकनीकी और अन्य सर्वे शुरू करवा दिया गया है. कलेक्टर गौतम सिंह ने अलग-अलग सर्वे दल गठित किए हैं. सभी को 15 दिन में रिपोर्ट देनी है. गांधी सागर बांध की 5 किलोमीटर की परिधि में ड्रोन से वीडियो और* *फोटोग्राफी पर भी रोक लगा दी गयी है. पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी है.

कमजोर हो गया है बांध*


नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी अंकेक्षण रिपोर्ट में प्रदेश के जर्जर बांधों पर आपत्ति ली थी. मंदसौर जिले में चंबल नदी पर बंधे गांधी सागर बांध में वर्ष 2019 में पानी का रिसाव हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया था कि बांध के डाउन स्ट्रीम में गहरे गड्ढे हो गए हैं. गांधी सागर बांध कमजोर हो गया है. इसलिए आस पास की बस्ती सहित डैम के इलाके में पड़ने वाली लाखों की आबादी पर खतरा मंडरा रहा है. कैग ने रिपोर्ट में कहा है बांध को मरम्मत की जरूरत है*.

*बांध के आसपास धाराt 144*

कैग की रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने गांधी सागर बांध के 5 किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी है. इस परिधि में ड्रोन से बांध के आसपास फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी प्रतिबंधित कर दी गई है. कलेक्टर गौतम सिंह ने अलग-अलग टीमें गठित कर सर्वे करना भी शुरू कर दिया है. ये टीमें बांध की स्थिति का आंकलन और आसपास अवैध रूप से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे लोगों का सर्वे करेंगी. कुल 10 टीम बनाई गई हैं. इनमें राजस्व, सिंचाई, पुलिस, शिक्षा,आंगनवाडी कार्यकर्ता और अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं. प्रत्येक टीम में 8 सदस्य हैं. गांधी सागर पंचायत की जनसंख्या 8850 और 20 वार्ड हैं. जांचदल को 15 दिन में रिपोर्ट तैयार करके देना है. गांधी सागर बांध के आस पास रहने वाले लोगों में अधिकतर बंगाल से आए हुए मछुआरे हैं. कई लोग बांध के निर्माण के समय यहां आ गए थे. उस समय से यहीं पर रह रहे हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो भारत विभाजन के समय यहां पर आ गए थे*.


*सर्वे टीम 15 दिन में रिपोर्ट देगी*

कलेक्टर गौतम सिंह ने बताया गांधी सागर बांध को कोई खतरा नहीं है. लेकिन कैग की रिपोर्ट के बाद अलग-अलग टीमें गठित कर दी गई हैं. एक टीम तकनीकी दृष्टि से बांध को देख रही है, जहां पर बांध को खतरा हो सकता है वहां पर मरम्मत की जाएगी. दूसरी टीम स्थानीय जनसंख्या का सर्वे कर रही है. यह जानकारी मिली थी कि वहां पर कई लोग शासकीय जमीन पर अतिक्रमण करके रह रहे हैं. 15 दिन में जांच दल की रिपोर्ट आएगी उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा.*

*40 लाख की आबादी पर खतरा*

कैग की रिपोर्ट के बाद कलेक्टर गौतम सिंह ने गांधी सागर बांध की के सर्वे के लिए जो टीमें बनायी हैं वो देर से ही सही पर एक सही फैसला है. अगर गांधी सागर बांध खतरे में पड़ा तो इसकी वजह से राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित करीब 40 लाख से ज्यादा की आबादी खतरे में पड़ जाएगी.*

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