सिंधी समाज ने मनाया सिंध विभीषिका दिवस
इंदौर (राहुल सुखानी) - हिंदू सिंधु समन्वय संगठन के अध्यक्ष संतोष वाधवानी (रत्न विशेषज्ञ) ने जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर सिंधी समाज द्वारा 14 अगस्त को सिंध विभीषिका दिवस मनाया गया। भले ही 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ, लेकिन इससे पहले 14 अगस्त 1947 को विभाजित भारत से पाकिस्तान का जन्म हुआ और इसी दिन पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान के मुस्लिम बहुल इलाकों में भयानक दंगे हुए, जहां हिंदुओं का कत्लेआम हुआ। सिंधी समाज ने अपनी जमीन अपना सब कुछ खोया था इसी दर्दनाक बात को याद करने के लिए प्रतिवर्ष 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाया जाता है।
संतोष वाधवानी ने जानकारी देते हुए बताया किअंग्रेजों द्वारा भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय 14 अगस्त 1947 को ही बंगाल, बिहार और पंजाब में भयानक सांप्रदायिक दंगे हुए थे। जिनमें तकरीबन 2.5 लाख से 10 लाख लोग मारे गए थे। भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, वहीं पाकिस्तान 14 अगस्त को अपनी आजादी का दिवस मनाता है। दरअसल, 14 अगस्त को ही गुलाम भारत के दो टुकड़े हुए थे और एक नए मुल्क पाकिस्तान का जन्म हुआ था। इसी के साथ भारत को भी अंग्रेजों द्वारा आजाद घोषित कर दिया गया था। पाकिस्तान को 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन द्वारा भारत के विभाजन के बाद एक मुस्लिम देश के रूप में तराशा गया था। जिसके चलते न केवल लाखों लोग विस्थापित हुए थे बल्कि बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने के कारण कई लाख लोगों की जान चली गई थी। आज भी सिंधी समाज अपनी मिट्टी अपने वतन से अलग होने का दर्द महसूस करता है।
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