रतलाम जिले के सोयाबीन कृषको के लिये उपयोगी सलाह | Ratlam jile ke soyabean krashako ke liye upyogi salah
रतलाम जिले के सोयाबीन कृषको के लिये उपयोगी सलाह
रतलाम (यूसुफ अली बोहरा) - कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा रतलाम जिले के ग्राम सिमलावदा, सुजलाना, अडवानिया तथा आम्बा आदि ग्रामों का संयुक्त रूप से भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान देखा गया कि गत दिनों जिले मे अत्यधिक वर्षा से खेतो में जलभराव की स्थिति निर्मित हुई जिसके कारण सोयाबीन फसल में पीला मोजेक रोग की स्थिति निर्मित हुई है। यह रोग सफेद मक्खी के कारण फैलता है।
किसान भाईयों को सलाह दी जाती है कि, वे फसल पर सतत निगरानी रखे। खेतो में जलभराव होने पर जल निकासी करें। पीला मोजेक रोग के नियंत्रण हेतु रोग ग्रस्त पौधो को तुरन्त उखाडकर बाहर करे एवं रोग फैलाने वाल सफेद मक्खी की रोकथाम के लिये पूर्व मिश्रित कीटनाशक थायोमिथोक्जम लैम्ब्डा सायेहलोथ्रिन (125 मि.ली./हे.) या बीटा सायफ्लूथ्रिन इमिडाक्लोप्रिड (350 मि.ली./हे.) का छिड़काव करें। इसके अलावा सभी किसान भाई खेत में हर जगह पर पीला स्टिकी ट्रेप लगाएं। जिन किसान भाईयों की फसल पकने में 25 से 30 दिन का समय अभी बच रहा है वे किसान 00:52:34 का 2 किलोग्राम 200 लीटर पानी में घोलकर एक एकड में छिडकाव करें।
सहायक संचालक कृषि श्री भीका वास्के द्वारा बताया गया कि, रतलाम जिले में सोयाबीन फसल का रकबा 254275 हैक्टेयर है। वर्तमान में सोयाबीन फसल में कीट एवं बीमारियों का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर से कम है। भ्रमण के दौरान श्री भीका वास्के सहायक संचालक कृषि, डॉ. सी.आर. काटवा शस्य वैज्ञानिक, डॉ. ज्ञानेन्द्र प्रताप तिवारी कीटशास्त्री, श्री बी.एम.सोलंकी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, श्री के.एस.वसुनिया वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, श्री के.एल. पाचुरेकर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, श्री ओमकार अजनार विकासखण्ड प्रतिनिधि एग्रीकल्चर्र इंश्योंरेंस कंपनी ऑफ इंडिया, कु. दीपीका ताड पटवारी आदि उपस्थित रहे।
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