खबर का असर: अकर्मण्य, अकुशल, अव्यवहारिक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के प्रभारी ई ई बोदडे निलम्बित
बुरहानपुर (नवीन आड़े) - दैनिक आज तक 24 समाचार पत्र के द्वारा श्री बोदडे द्वारा बुरहानपुर जिले में चल रही मनमानी ब स्वेच्छाचारिता का मामला सर्वप्रथम उठाया था। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री सुनील बोदडे की कार्यशैली शुरू से ही सवालों के घेरे में रही है।
पूर्व प्रकाशित खबर में बताया था कि लगभग 50 लाख की लागत से सरोवर तालाब ग्राम नयाखेड़ा बनाया जा रहा था, जिसकी देखरेख कार्यपालन यंत्री श्री सुनील बोदडे एवं उनके अधिनस्थो द्वारा की जा रही थी। पंचायत द्वारा बने पुराने दो तालाबों के बीच एक मिट्टी का बांध बना दिया गया, जिसकी वहां जरूरत ही नहीं थी।जिले में भारी बारिश के बाद भी खाली पड़ा तालाब, इसके गैरजरूरी होने की कहानी खुद ही बयां कर रहा है। गैरजरूरी होने पर भी स्थानीय स्तर पर मिट्टी उपलब्ध होने के चलते, ठेकेदार से सांठगांठ कर इसे 94 लाख का रिवाइज कर स्वीकृति के लिए भोपाल भेजा गया था। को इनकी कुत्सित मंशा को उजागर करता है।
इस तालाब के औचित्य, गुणवत्ता एवं श्री बोदडे की कार्यप्रणाली की विस्तृत जांच की जाना चाहिए।
आपको बता दे कि कार्यालय आयुक्त , इंदौर संभाग द्वारा आदेश में बताया गया है कि श्री सुनील बोदडे , प्रभारी कार्यपालन यंत्री , ग्रामीण यांत्रिक सेवा संभाग बुरहानपुर द्वारा अपने पदीय दायितव्य के निर्वहन में भारी लापरवाही, जिसमें वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त निर्देशो की अवेहलना करना, मनमानी करना, मासिक समीक्षा बैठक में बिना सूचना के अनुपस्थित रहने की बरती जा रही थी। जारी आदेश अनुसार अमृत सरोवर के निरिक्षण हेतु नियत दिनांक 19.5.2022 एवं 20.5.2022 को भी श्री बोदडे अनुपस्थित रहे जिसके कारण जिले में सहायक यंत्रियों एवं उपयंत्रियों का प्रशिक्षण कार्य नहीं हो सका।
श्री बोदडे का अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से व्यवहार ठीक नही था, इसी कारण सजा के तौर पर इनका स्थानांतरण बड़वानी से बुरहानपुर किया गया था, लेकिन इनकी स्वेच्छाचारिता यहां भी लगातार जारी रही। जिसकी पुष्टि कर्मचारियों द्वारा की गई शिकायत से होती है एवं ये भी इनके निलंबन का एक आधार है।
श्री बोदडे द्वारा जिले में पंचायतों में कराए गए, अमृत सरोवर, पुष्कर धरोवर सहित अन्य तकनीकी कार्यों की भी यदि विस्तृत जांच करा ली जावे, तो अनेको तकनीकी कामिया उजागर हो जाएंगी, को इनके साथ साथ इनको संरक्षण प्रदान करने वाले बड़े अधिकारियों की भी कहानी भी सामने आ जाएगी।
निलंबित कार्यपालन यंत्री श्री बोदडे ने खंडवा में अनुविभागीय अधिकारी रहते हुए भी मनरेगा के कार्यों में की गई अनियमितता की शिकायत सी.एम.हेल्पलाइन पर लेवल स्तर 4 पर कई माह से लंबित है। जिसका कोई समाधानकारक जबाब इनके द्वारा नही दिए जाने के कारण भी इन्हें निलम्बित किया गया।
इनके निलंबन से जिले के ग्रामीण विकास से जुड़े हुए सभी लाभान्वतो में हर्ष व्याप्त है। इनकी कार्यप्रणाली की विस्तृत जांच की जाए, तो और भी कई मामले उजागर हो सकते है।
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