आयुष मंत्री श्री कावरे ने ली छात्रावास अधीक्षकों की बैठक | Ayush mantri shri kavre ne li chhatravas adhikshako ki bethak

आयुष मंत्री श्री कावरे ने ली छात्रावास अधीक्षकों की बैठक

छात्रावास में नहीं रहने वाले अधीक्षकों पर होगी सख्त कार्यवाही

आयुष मंत्री श्री कावरे ने ली छात्रावास अधीक्षकों की बैठक

बालाघाट (देवेंद्र खरे) - मध्यप्रदेश शासन के आयुष मंत्री श्री रामकिशोर “नानो”कावरे ने आज 25 अगस्त को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिले के समस्त छात्रावास अधीक्षकों की बैठक लेकर उन्हें छात्रावासों का संचालन अच्छे तरह से करने के निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर डॉ गिरीश कुमार मिश्रा, सहायक आयुक्त श्री राहुल नायक, एसडीएम श्री संदीप सिंह भी उपस्थित थे।

मंत्री श्री कावरे ने छात्रावास अधीक्षकों से कहा कि पिछले दिनों में छात्रावासों के बच्चों द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय आकर ज्ञापन देने की घटनायें हुई है। ऐसी घटनायें बताती है कि छात्रावास अधीक्षक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से नहीं कर रहे हैं और छात्रावास के संचालन में कहीं कमी है। ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं की जायेगी। छात्रावासों में साफ-सफाई अच्छी हो, बच्चों को मेन्यू के अनुसार भोजन एवं नाश्ता गुणवत्ता के साथ मिले और छात्रावास अधीक्षक छात्रावास रात में छात्रावास में अनिवार्य रूप से रहे। प्रदेश सरकार छात्रावास के बच्चों को जो सुविधा उपलब्ध करा रही है, छात्रावास के अधीक्षक की जिम्मेदारी है कि वह सुविधा बच्चों को मिलना चाहिए। जो छात्रावास अधीक्षक छात्रावास में नहीं रहते हैं, उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी और उन्हें हटाया जायेगा। इसी प्रकार तीन साल से एक ही छात्रावास में पदस्थ एवं ठीक से काम नहीं करने वाले अधीक्षकों को भी हटाया जायेगा। 

मंत्री श्री कावरे ने कहा कि वे स्वयं छात्रावासों का निरीक्षण करेंगें और प्रशासन की टीम भी नियमित रूप से निरीक्षण करेगी और बच्चों के साथ भोजन भी करेगें। निरीक्षण में जहां पर भी छात्रावास अधीक्षक नहीं मिलेंगें और छात्रावास की व्यवस्था ठीक नहीं पायी जायेगी, वहां के अधीक्षक के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जायेगी। यदि छात्रावासों में अधीक्षक के रहने के कक्ष की व्यवस्था ठीक नहीं है तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि उसे शीघ्र ठीक कराया जायेगा। सभी अधीक्षक अपनी भूमिका ठीक से निभायें। छात्रावास अधीक्षक ही वहां रह रहे बच्चों के माता-पिता की तरह है। जैसे हम अपने बच्चों के भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा का ध्यान रखते हैं, वैसा ही ध्यान अधीक्षक छात्रावास के बच्चों का रखें। हर सप्ताह या 15 दिनों में छात्रावास के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करायें। छात्रावास के शौचालय आदि की नियमित रूप से सफाई हो। पीने के पानी की अच्छी व्यवस्था हो। अधीक्षक इस बात का भी ध्यान रखें कि छात्रावास में कोई भी बाहरी व्यक्ति बच्चों को बरगलाने या बहकाने ना आयें और हम अपनी व्यवस्थाओं को इतनी अच्छी रखें कि किसी को भी छात्रावास की व्यवस्थाओं के प्रति शिकायत करने का अवसर न मिले।

मंत्री श्री कावरे ने छात्रावास अधीक्षकों से कहा कि प्रत्येक छात्रावास में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, तहसीलदार, थाना प्रभारी, सरपंच एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि का मोबाईल होना चाहिए। जिससे जरूरत के समय इन लोगों से तत्काल सम्पर्क किया जा सके।  

कलेक्टर डॉ मिश्रा ने बैठक में सभी अधीक्षकों से कहा कि छात्रावास एवं आश्रमों में प्रवेश ले चुके बच्चों को शीघ्र आनबोर्ड दर्ज करायें। बच्चों के जाति प्रमाण पत्र तैयार करने का काम चल रहा है। अत: ओनबार्ड करने में जाति प्रमाण पत्र नहीं होने की समस्या ना बताई जाये। उन्होंने अधीक्षकों को सख्त निर्देश दिये कि वे रात्री में छात्रावास में अनिवार्य रूप से रहें। अन्यथा उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। 

बैठक में बताया गया कि जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए 84 छात्रावास एवं 34 आश्रम तथा अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए 24 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इस वर्ष अनुसूचित जनजाति के छात्रावासों में 4360 बच्चों के विरूद्ध 3848 बच्चों का प्रवेश हो चुका है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति छात्रावासों में 1200 के विरूद्ध 1084 एवं आश्रमों में 1850 के विरूद्ध 1729 बच्चों का प्रवेश हो चुका है।

बैठक में मंत्री श्री कावरे द्वारा पूछे जाने पर छात्रावास अधीक्षक द्वारा बताया गया कि अनुसूचित जनजाति छात्रावास में  सामग्री क्रय करने के लिए 50 हजार रुपये, भवन अनुरक्षण के लिए 50 हजार रुपये, आकस्मिक व्यय के लिए 30 हजार रुपये, बच्चों की खेलकूद सामग्री के लिए 05 हजार रुपये, समाचार पत्र एवं पत्रिकायें क्रय करने के लिए 05 हजार रुपये एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 05 हजार रुपये की राशि प्रति वर्ष शासन द्वारा प्रदाय की जाती है। इसके अलावा प्रति छात्र 1460 रुपये की राशि में से 90 प्रतिशत उनके भोजन के लिए दी जाती है और 10 प्रतिशत राशि छात्रों के स्वयं के व्यय के लिए उनके खाते में जमा होती है। छात्रावास के बच्चों के भोजन के लिए प्रति छात्र 15 किलोग्राम खाद्यान्न एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर मिलता है। इस वर्ष छात्रावास में बच्चों के लिए 50 किलोग्राम चना दाल भी प्राप्त हुई है। छात्रावास में प्रवेश लेने वाले नये बच्चों के बिस्तर, चादर, तकिया, मच्छरदानी के लिए 5875 रुपये की राशि इस वर्ष से बच्चों के खाते में जमा की जा रही है। छात्रावास के बच्चों के पालकों की समिति यह सामग्री क्रय करेगी। अनुसूचित जाति छात्रावास में प्रति वर्ष 20 हजार रुपये की राशि एवं शिष्यवृत्ति मिलती है।

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