अवयस्क बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपीगण को मा. न्यायालय ने किया 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 8000 रू के अर्थदण्ड से दंडित | Avyask balika ka apharan kr balatkar karne wale aropigan ko ma nyayalay ne kiya 20 20 varsh karawas

अवयस्क बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपीगण को मा. न्यायालय ने किया 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 8000 रू के अर्थदण्ड से दंडित

अवयस्क बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपीगण को मा. न्यायालय ने किया 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं 8000 रू के अर्थदण्ड से दंडित

बुरहानपुर (नवीन आड़े) - अतिरिक्त‍ जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धाावे द्वारा अभियोजित प्रकरण में मा. अपर सत्र न्या्याधीश श्री आर. के. पाटीदार ने नाबालिक बालिका का अपहरण कर बलात्कार करने वाले आरोपीगण सुनील पिता गुलाब  निवासी बोरवन जिला बुरहानपुर उम्र 25 वर्ष को धारा 366, भा.द.स. के अपराध के लिये 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदण्ड, धारा 376(2)(i) भा.द.सं. 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 अर्थदण्ड व धारा 376(3) भा.द.सं. 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 अर्थदण्ड से दंडित किया । 

अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धाावे ने बताया कि, दिनांक 09-04-2018 को फरियादि वह बच्चो सहित खाना  खाकर गर्मी होने से घर के आंगन में सो गये थे सुभब देखा तो उसकी लडकी अभियोक्त्री  नहीं दिखी उसने थाने पर जाकर अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध रिपोर्ट लिखवाई थी उसकी लड़की को बहला फुसला कर भगा ले गया रिपोर्ट पंजीबद्ध होने पर पुलिस ने बालिका/अभियोक्त्रीे को आरोपी सुनील के कब्जे से बरामद किया बालिका/ अभियोक्त्री ने बताया कि दिनांक 09-04-2018 को आरोपी सुनील रात्रि में शादी का झांसा देकर मोटरसाईकिल से होशंगाबाद ले गया, वे रात्रि में बस स्टेण्ड पर रूके थे उसके बाद अभियुक्त उसे सिंगोट के पास खेत में टपरे में रखकर 35-40 दिन रखकर उसकी इच्छा के बिना शारिरीक संबंध बनाये थे । इसके पश्चात प्रकरण मे धारा 363, 366ए, 376 भा.दं.सं एवं 5(1) सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 की वृद्धि की गई । 

प्रकरण नाबालिक बालिका के विरूद्ध हाने वाले अपराधों के कारण गंभीर प्रकृति का है इस कारण से इस प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी अति.जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामलाल रन्धावे द्वारा की गई उन्होने साक्षीयो पर नियंत्रण कर प्रकरण में प्रभावशाली बहस करते हुए अभियोजन के पक्ष में मा. सार्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांंत प्रस्तुत किए जिसके पश्चात आरोपी को मा. न्यायालय से धारा 366, भा.द.स. के अपराध के लिये 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 अर्थदण्ड‍, धारा 376(2)(i) भा.द.सं. 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 अर्थदण्ड व धारा 376(3) भा.द.सं. 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रूपये  के अर्थदण्ड से दंडित कराया।

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